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वोट चोरी: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को रूल 20(3)बी से घेरा, जानिए क्या कहता है यह नियम

Election Commission Response: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के रूल 20(3)(बी) के तहत शपथ पत्र जमा करने की मांग की है।

भारत

Devika Chatraj

Aug 08, 2025

Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग ने घेरा (ANI)

कांग्रेस (Congress) नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर लगाए गए 'वोट चोरी' के गंभीर आरोपों के बाद अब आयोग ने पलटवार किया है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के रूल 20(3)(बी) के तहत शपथ पत्र जमा करने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी अपने आरोपों को साबित करने के लिए अपात्र मतदाताओं के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ हलफनामा जमा करें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि कर्नाटक के महादेवपुरा और गांधीनगर विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए और पात्र मतदाताओं को हटाया गया, जिसके चलते कांग्रेस को कर्नाटक में अपेक्षित 16 लोकसभा सीटों के बजाय केवल 9 सीटें मिलीं। राहुल ने इसे 'वोट चोरी' करार देते हुए कहा कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं और यह काम भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए किया जा रहा है।

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को 'भ्रामक' और 'निराधार' बताया है। कर्नाटक के सीईओ ने अपने पत्र में कहा, "आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को हटाने का उल्लेख किया। आपसे अनुरोध है कि रूल 20(3)(बी) के तहत शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर अपात्र मतदाताओं के विवरण के साथ इसे वापस भेजें ताकि कार्रवाई शुरू की जा सके।" आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राहुल के दावे गलत पाए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

रूल 20(3)(बी) क्या है?

रूल 20(3)(बी) मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 का हिस्सा है, जो मतदाता सूची में संशोधन या आपत्तियों से संबंधित है। इस नियम के तहत, कोई भी व्यक्ति जो मतदाता सूची में किसी नाम को शामिल करने या हटाने पर आपत्ति दर्ज करना चाहता है, उसे शपथ पत्र के साथ अपनी शिकायत दर्ज करनी होती है। इसमें आपत्ति के आधार और संबंधित व्यक्तियों के नाम, पता, और अन्य विवरण शामिल करने होते हैं। यह नियम सुनिश्चित करता है कि शिकायतें तथ्यपूर्ण हों और जांच के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध हो। यदि शिकायत गलत या बेबुनियाद पाई जाती है, तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने आयोग के नोटिस पर जवाब देते हुए कहा, "मैं जो कह रहा हूं, वह सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं। इसे शपथ पत्र के रूप में ही लें। यह हमारा डेटा नहीं, बल्कि चुनाव आयोग का ही डेटा है। आयोग यह क्यों नहीं कहता कि मेरे दावे गलत हैं? इससे साफ है कि वे सच्चाई जानते हैं।" उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में एक ही पते पर कई मतदाताओं के नाम और फर्जी पते दर्ज किए गए थे।

आयोग का पक्ष

बीजेपी ने राहुल के आरोपों को 'राजनीतिक नाटक' और 'हास्यास्पद' करार दिया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और हार के बाद निराशा में ऐसे बयान दे रहे हैं। वहीं, आयोग ने कहा कि उसने नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम सूची कांग्रेस के साथ साझा की थी, लेकिन कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई।