Revanth Reddy Phone Tapped: हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) की जांच में पता चला है कि 4 दिसंबर 2023 की रात 8.34 बजे से अगले एक घंटे यानी 9.34 तक स्थित तेलंगाना के प्रमुख खुफिया संगठन के विशेष खुफिया शाखा की सभी CCTV कैमरे बंद कर दिए गए थे। इस दौरान कथित तौर पर कुल 62 हार्ड डिस्क को नष्ट किया गया। तेलगांना में भारत राष्ट्र समिति की सरकार जाने के बाद यह कार्रवाई की गई थी।
जांचकर्ताओं ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हार्ड डिस्क को पूरी तरह से नष्ट किया गया। इसे नदी में फेंक दिया गया। जांचकर्ताओं ने कहा कि नक्सल-विरोधी निगरानी तंत्र का उपयोग करके करीब 600 लोगों पर सर्विलांस रखा गया था। इसमें वर्तमान सीएम व कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी, केंद्रीय गृहराज्य मंत्री बंदी कुमार संजय, नौकरशाह, व्यवसायी और हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश भी शामिल थे।
जांचकर्ताओं ने बताया, 'हार्ड डिस्क नष्ट करने का आदेश कथित तौर पर तत्कालीन SIB प्रमुख टी. प्रभाकर राव ने दिया था। उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीतने के एक दिन बाद यानी 4 दिसंबर 2023 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा है कि इस फैसले की पुष्टि राज्य के मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और विधि सचिव की एक समीक्षा समिति ने 2 दिसंबर, 2023 को की थी। तत्कालीन मुख्य सचिव और गृह सचिव ने इस मामले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया'।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने कहा कि उन कथित 62 हार्ड डिस्क में सर्विलांस पर रखे गए नेताओं की प्रोफाइलिंग, खुफिया राजनीतिक जानकारी, टेलिफोन की बातचीत और ऑनलाइन चैट शामिल थीं। हालांकि, इनमें कुछ वैध CPI (माओवादी) लीडरों की गतिविधियों की भी जानकारी थी। जिसे SIB ने इकट्ठा किया था।
उन्होंने आगे कहा कि SIB की स्थापना साल 1990 में की गई थी। इसका उद्देश्य राज्य में नक्सली खतरे को कम करने के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था, लेकिन विशेष खुफिया ब्यूरो अपने उद्देश्य से भटक गई। यह BRS को फायदा पहुंचाने के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करने लगी। उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े अभियुक्तों द्वारा दशकों से बनाए गए अमूल्य डेटा को नष्ट किया गया। इससे देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
जांचकर्ताओं ने बताया कि 36 डिस्क एक विशेष अभियान दल (SOT) के पास थीं, जो SIB के अधीन काम करता था। उन्होंने कहा कि SOT टीम को SIB अधिकारी DSP प्रवीण कुमार लीड कर रहे थे। उन्हें अवैध निगरानी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब वह जमानत पर बाहर हैं। उनके पास 11 लोगों की एक टीम थी। यह टीम टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को फोन टेपिंग की अनुमति के लिए पत्र भेजती थी। इस पर प्रभाकर राव ने हस्ताक्षर किए थे।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने दावा किया कि KCR सरकार ने अपने शासनकाल के दौरान 6,500 से अधिक फोनों की अवैध टैपिंग की। जिसमें उनका फोन, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, बीआरएस नेता टी. हरीश राव, के. कविता और ग्रुप 1 पेपर लीक मामले की जांच कर रहे न्यायाधीश भी शामिल थे।
KCR ने SIB को माफिया में बदल दिया। प्रभाकर राव और राधाकिशन राव ने जैसे भ्रष्ट अधिकारियों ने ठेकेदारों और नेताओं को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपए की उगाही की। माओवादी का बहाना बनाकर मेरे, रेवंत और हरीश राव के फोन टैप किए गए, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। केसीआर ने तो अपनी बेटी केविता के भी फोन टैप कराए थे।
Published on:
09 Aug 2025 09:57 am