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‘तैयार हो जाइए, सबसे ठंडी सर्दी आने वाली है…’, IMD ने वजह बताते हुए जारी किया इन राज्यों के लिए अलर्ट

IMD ने ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने कहा कि इस साल बीते कई सालों की तुलना में अधिक ठंड पड़ने वाली है। पढ़ें पूरी खबर...

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Heavy Cold Alert

ठंड का अलर्ट (Photo Source- Patrika)

IMD Alert: इस बार ठंड का सितम ज्यादा रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार उत्तर भारत और मध्य भारत में सामान्य से अधिक शीतलहर बहेगी। IMD ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात में इस बार पारा पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकता है।

दिल्ली में येलो अलर्ट जारी

भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि दिल्ली सहित NCR के इलाकों में अगले कुछ दिनों तक कोल्ड वेव की स्थिति बनी रह सकती है। बीते सोमवार को दिल्ली का तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस था, जो कि सामान्य तापमान की तुलना में 4.6 डिग्री सेल्सियस कम है।

अधिक दिनों तक बनी रहेगी कोल्ड वेव की स्थिति

मौसम विभाग ने कहा कि इन राज्यों में दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक कोल्ड वेव के दिन अधिक रहने की संभावना है। जो सामान्य औसत की तुलना में ज्यादा है। सामान्य तौर पर उत्तर-पश्चिम भारत में इन तीन महीनों के दौरान 5-6 दिन कोल्ड वेव की उम्मीद की जाती है। कोल्ड वेव की घोषणा तब की जाती है जब न्यूनतम तापमान लगभग 90% दैनिक तापमान से कम हो और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस से कम हो। यह स्थिति लगातार तीन दिनों तक बनी रहती है तब विभाग कोल्ड वेव घोषित करता है।

ला नीना के कारण बढ़ेगी ठंड

इसके साथ ही मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा कि ध्रुवीय भंवर और ला नीना बनने के कारण अगले तीन महीनों में बहुत ठंड पड़ेगी। IMD के जलवायु निगरानी व पूर्वानुमान समूह के वैज्ञानिक व प्रमुख ओपी श्रीजित ने कहा कि मध्य प्रदेश में सामान्य से नीचे तापमान और कोल्ड वेव स्थितियां ध्रुवीय भंवर व ला नीना से संबंधित थीं। अब फिर से ध्रुवीय भंवर का प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि ध्रुवीय भंवर पृथ्वी के दोनों ध्रुवों को घेरने वाला एक बड़ा निम्न दाब वाला क्षेत्र और ठंडी हवा का एरिया है। यह हमेशा ध्रुवों के पास मौजूद रहता है, लेकिन गर्मियों में कमजोर हो जाता है। यह सर्दियों में मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि इस बार सर्दियों में कई पश्चिमी विक्षोभों की उम्मीद नहीं है, लेकिन ला नीना का प्रभाव पड़ेगा।