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IMD Update: इस बार होगी कड़ाके की सर्दी? किन जगहों पर चलेगी शीत लहर; मौसम विभाग ने जारी किया अपडेट

Cold Wave: IMD के मुताबिक हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना है।

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भारत

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Ashib Khan

Dec 01, 2025

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दिसंबर से फरवरी तक पड़ेगी कड़ाके की सर्दी (Photo-IANS)

IMD Update: मौसम विभाग ने दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच मौसम कैसा रहेगा, इसको लेकर बुलेटिन जारी किया है। विभाग के मुताबिक इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ेगी और शीत लहर भी चलेगी। IMD के मुताबिक मध्य भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से ज़्यादा शीत लहर चलने की संभावना है, जिससे कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है।

इन जगहों पर तापमान होगा कम

IMD के मुताबिक हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि दिसंबर से फरवरी के दौरान इन क्षेत्रों में ज़्यादा शीत लहर वाले दिन रहने की संभावना है। आमतौर पर इन तीन महीनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में पांच-छह दिन शीत लहर चलने की संभावना रहती है।

वहीं मध्य भारत और आसपास के प्रायद्वीपीय और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है, जबकि देश के शेष हिस्सों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है।

दिसंबर के दौरान, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भागों में सामान्य से कम मासिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा है कि दिसंबर के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम या दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। 

तीन महीने पड़ेगी अधिक ठंड

अधिकारियों ने बताया कि ध्रुवीय भंवर और ला नीना की स्थिति के कारण तीन महीनों तक अत्यधिक ठंड पड़ने की संभावना है। आईएमडी के वैज्ञानिक ओपी श्रीजीत ने कहा, "मध्य प्रदेश में सामान्य से कम तापमान और शीत लहर की स्थिति का ध्रुवीय भंवर और ला नीना की स्थितियों से कुछ लेना-देना था। अब फिर से ध्रुवीय भंवर ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।"

बता दें कि ध्रुवीय भंवर पृथ्वी के दोनों ध्रुवों के आसपास कम दबाव और ठंडी हवा का एक बड़ा क्षेत्र है। राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार, यह हमेशा ध्रुवों के पास मौजूद रहता है, लेकिन गर्मियों में कमज़ोर और सर्दियों में मज़बूत हो जाता है।