Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मौसम का बदला मिजाज, ठंड ने तोड़ा 3 साल का रिकॉर्ड, दिल्ली में 9 डिग्री तक लुढ़का पारा

Coldest November in Delhi: दिल्ली में नवंबर की शुरुआत से ही कड़ाके की ठंड और बढ़ते प्रदूषण ने हालात बिगाड़ दिए हैं, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है।

2 min read
Google source verification
Winters in Delhi

दिल्ली में बढ़ा तापमान (File Photo)

IMD Weather Forecast: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड ने इस बार नवंबर में ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है। रविवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार, यह पिछले तीन साल में नवंबर की किसी तारीख का सबसे कम तापमान है। इससे पहले नवंबर 2022 में पारा 7.3 डिग्री तक गिरा था, जबकि 2023 में 9.2 डिग्री और 2024 में 9.5 डिग्री दर्ज किया गया था।

सोमवार को धुंध की संभावना

सुबह से ही हल्की धुंध (shallow fog) छाई रही, जिसके कारण सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए भी हल्की धुंध की संभावना जताई है। आज अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

ठंड के साथ प्रदूषण का दोहरा कहर

ठंड की मार के बीच दिल्ली की हवा भी सांसें थामे हुए है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ऐप 'समीर' के मुताबिक, दिल्ली का औसत AQI 377 रिकॉर्ड किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। शहर के 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 11 जगहों पर AQI 400 के पार पहुंच गया। पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर भी खतरनाक बना हुआ है, जो सांस की बीमारियों को न्योता दे रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान गिरने के साथ हवा की रफ्तार कम हो जाती है, जिससे प्रदूषक जमीन के पास ही फंस जाते हैं और वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जाती है।

दक्षिण भारत में बारिश का तांडव

दिल्ली में ठंड जहां लोगों को कंपकंपा रही है, वहीं दक्षिण भारत में भारी बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। तमिलनाडु के नागपट्टिनम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के कराईकल जिले में भारी बारिश के चलते स्कूल-कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में दिल्ली में ठंड और बढ़ने की चेतावनी दी है, जबकि प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग उठ रही है।