भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) बीते कुछ सालों से फाइटर जेट्स की कमी से जूझ रही है। वायुसेना को कुल 42 स्क्वाड्रन की दरकार है, जबकि वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास सिर्फ 29 स्क्वाड्रन हैं। इनमें से भी कई पिछली जेनरेशन के फाइटर जेट्स शामिल हैं। इसके कारण वायुसेना जल्द से जल्द अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है, ताकि वह दो मोर्चों पर दुश्मनों से लोहा ले सके। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 1A फाइटर जेट (LCA Mark1A) खरीदने के लिए 62 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
Purchase 97 Light Combat Aircraft Mark 1A: न्यूज एजेंसी ANI की खबर के अनुसार, एक हाई लेवल मीटिंग के बाद फाइटर जेट्स खरीदने की मंजूरी दी गई है। इसके बाद HAL के लिए फाइटर जेट्स बनाने का रास्ता भी साफ हो गया है। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को बड़े पैमाने पर वायुसेना से ऑर्डर मिले हैं। HAL को सभी तरह के स्वदेशी लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और उनके इंजन बनाने के ऑर्डर मिले हैं। HAL को LCA मार्क 1A फाइटर जेट के लिए यह दूसरा ऑर्डर होगा। इससे पहले सरकार HAL को 83 एयरक्राफ्ट्स बनाने का ऑर्डर दे चुकी है। इस ऑर्डर को पूरा करने के लिए HAL को 2028 तक का टारगेट दिया गया है।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 1A, तेजस का एडवांस वर्जन है। इसमें नए व अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हुए हैं। LCA मार्क-1A का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा स्वदेशी है। यह तेजस की ही तरह सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है। HAL ने तेजस को लेकर कहा कि हम जल्द ही भारतीय वायुसेना को तेजस की डिलीवरी शुरू कर देंगे। जानकारी के अनुसार, LCA मार्क 1A, MiG-21, MiG-23 और MiG-27 को रिप्लेस करेगा। भारतीय वायुसेना में 62 साल तक सर्विस देने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान 19 सितंबर को रिटायर हो रहा है।
Published on:
20 Aug 2025 06:51 am