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कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से मांगा जवाब, 8 अगस्त तक दें शपथ पत्र

Rahul Gandhi: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Photo - IANS)

Karnataka Election Commission: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष दल चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर हमला बोल रहे है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीते कुछ महीनों से लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे है। कई बार आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष नेताओं को जवाब दे चुका है। इसी बीच कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है। कर्नाटक चुनाव आयोग ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पत्र लिखकर अपात्र मतदाताओं के जुड़े और पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप पर शपथ पत्र दें। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को समय भी दिया है।

आयोग ने 1 से 3 बजे का तय किया समय

कर्नाटक चुनाव आयोग ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी से अपात्र मतदाताओं के जुड़े और पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप पर शपथ पत्र मांगा है। आयोग ने अपने पत्र में लिखा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 8 अगस्त 2025 को सीईओ से मिलने और एक ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा था, जिसके लिए दोपहर 1 से 3 बजे का समय निर्धारित किया गया है।

मतदाता सूची पर कांग्रेस नहीं दर्ज कराई शिकायत

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची को पारदर्शी तरीके से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। पत्र के अनुसार, नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम मतदाता सूची कांग्रेस के साथ साझा की गई थी। इसके बाद कांग्रेस की ओर से कोई अपील या शिकायत दर्ज नहीं की गई।

राहुल गांधी से हलफनामे में मांगी ये जानकारी

सीईओ ने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे मतदाता सूची में शामिल या हटाए गए व्यक्तियों के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ एक हलफनामा जमा करें ताकि आवश्यक कार्रवाई शुरू की जा सके। हलफनामे में यह भी घोषणा करनी होगी कि दी गई जानकारी सही है, और गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव परिणामों को केवल उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है।