Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारतीयों ने कभी किसी का धर्मांतरण नहीं किया : भागवत

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, भारतीय अपनी शक्ति, अपनी परंपराओं और उस ज्ञान को साझा करने की क्षमता भूल गए जो हम दुनिया को दे सकते थे।

less than 1 minute read

भारत

image

Himadri Joshi

Oct 20, 2025

RSS chief Mohan Bhagwat

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (फोटो- एएनआई)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि प्राचीन काल में भारतीयों ने संस्कृति और विज्ञान का प्रचार करने के लिए दुनिया भर की यात्रा की, लेकिन कभी किसी पर विजय प्राप्त नहीं की और न ही किया धर्मांतरण किया। आर्य युग विषय कोष विश्वकोश के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए भागवत ने कहा कि कई आक्रमणकारियों ने भारत को लूटा और गुलाम बनाया और हम पर आक्रमण करने वाले अंतिम आक्रमणकारियों ने भारतीयों के मन को लूटा। हम अपनी शक्ति, अपनी परंपराओं और उस ज्ञान को साझा करने की क्षमता भूल गए जो हम दुनिया को दे सकते थे।

हमारे पूर्वजों ने दुनिया को विज्ञान और संस्कृति की शिक्षा दी

मोहन भागवत ने कहा, हमारे पूर्वजों ने मेक्सिको से साइबेरिया तक यात्रा की और दुनिया को विज्ञान और संस्कृति की शिक्षा दी। उन्होंने न किसी का धर्मांतरण किया और न ही किसी पर विजय प्राप्त की। हम सद्भावना और एकता का संदेश लेकर गए। भागवत ने कहा, आध्यात्मिक ज्ञान अभी भी फल-पूल रहा है और आर्यव्रत के वंशज होने के नाते हमारे पास विज्ञान और हथियार, शक्ति और सामथ्र्य, विश्वास और ज्ञान है।

शिक्षा पद्धति पर उठाए सवाल

संघ प्रमुख भागवत ने कहा हमारी शिक्षा भारतीय पद्धति से नहीं हुई। हमें मैकाले ज्ञान पद्धति से शिक्षा मिली। वे कहते हैं कि हमें उपनिवेश बनाया गया। हम भारतीय हैं, लेकिन अपने मन और बुद्धि में हम विदेशी बन गए। हमें उस विदेशी प्रभाव से खुद को पूरी तरह मुक्त करना होगा। तभी हम अपने ज्ञान, परंपरा तक पहुंच पाएंगे और उसके महत्व को समझ पाएंगे। दुनिया ने जो तरक्की की है तो हमें उनकी प्रगति का रहस्य समझना चाहिए और उसका मूल्यांकन करना चाहिए। उसमें जो अच्छा है उसे स्वीकार करना चाहिए और जो बेकार है उसे त्यागना चाहिए।