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कांग्रेस नेता का शशि थरूर से सवाल- ‘अगर BJP की नीति पसंद है तो आप हमारे साथ क्यों?’ बताया दोहरी नीति वाला नेता

शशि थरूर ने पीएम मोदी की नीतियों का समर्थन किया था। इसको लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने थरूर को खूब सुनाया है।

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भारत

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Mukul Kumar

Nov 20, 2025

वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और कांग्रेस सांसद शशि थरूर। (फोटो- IANS)

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की एक ट्वीट को लेकर बवाल मच गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने थरूर को खूब सुनाया है। संदीप ने यह तक कह दिया है कि शशि थरूर को देश के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है।

दरअसल, शशि थरूर ने दो दिन पहले पीएम मोदी की नीतियों का सपोर्ट करते हुए एक ट्वीट किया था। जिसपर संदीप दीक्षित नाराज हो गये।

एएनआई से बात करते हुए दीक्षित ने कहा- शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में बहुत कुछ पता है।

सिर्फ सांसद हैं, क्या इसलिए कांग्रेस में हैं? संदीप ने पूछा सवाल

उन्होंने कहा- अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए। संदीप ने सवाल पूछते हुए कि आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि आप सांसद हैं?

कांग्रेस नेता ने शशि थरूर को दोहरी नीति वाला नेता तक कह दिया। उन्होंने कहा कि अगर आपको सच में लगता है कि भाजपा या पीएम मोदी की स्ट्रेटेजी आपकी पार्टी से बेहतर काम कर रही हैं, तो आपको एक्सप्लेनेशन देना चाहिए। अगर आप एक्सप्लेनेशन नहीं दे रहे हैं, तो आप पाखंडी हैं।

किस पोस्ट पर मचा बवाल?

बता दें कि शशि थरूर ने हाल ही में अपने एक्स में कहा थ- पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में डेवलपमेंट के लिए भारत की 'कंस्ट्रक्टिव बेसब्री' के बारे में बात की और पोस्ट-कोलोनियल सोच पर जोर दिया।

थरूर ने आगे लिखा- प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अब सिर्फ एक 'उभरता हुआ मार्केट' नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए एक 'उभरता हुआ मॉडल' है और इसकी इकोनॉमिक मजबूती पर भी ध्यान दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हर समय इलेक्शन मोड में रहने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए इमोशनल मोड में थे।

थरूर ने आगे लिखा- पीएम मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और नॉलेज सिस्टम पर गर्व वापस लाने के लिए 10 साल के नेशनल मिशन की अपील की। ​​

कुल मिलाकर, पीएम के भाषण ने एक इकोनॉमिक नजरिया और एक्शन के लिए एक कल्चरल कॉल दोनों का काम किया, जिसमें देश से तरक्की के लिए बेचैन रहने की अपील की गई।