तालिबान के मंत्री आमिर खान मुत्ताकी (Photo-IANS)
Afghanistan India Relation: अफगानिस्तान में तालिबान शासन के तीन साल बाद पहली बार किसी वरिष्ठ तालिबान नेता का भारत दौरा होने जा रहा है। तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 10 अक्टूबर को नई दिल्ली पहुंचेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यात्रा प्रतिबंध में छूट मिलने के बाद यह दौरा संभव हुआ है। मुत्तकी विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। यह कदम भारत-तालिबान संबंधों को नई दिशा दे सकता है, बिना औपचारिक मान्यता के।
संयुक्त राष्ट्र की 1988 की प्रतिबंध समिति ने 30 सितंबर को मुत्तकी को यात्रा प्रतिबंध में छूट दी, जिससे वे 9 से 16 अक्टूबर तक भारत में रह सकेंगे। इससे पहले सितंबर में प्रस्तावित यात्रा अमेरिका और पाकिस्तान के विरोध के कारण रद्द हो गई थी। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। मुत्तकी का दौरा अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता हथियार के बाद पहला ऐसा प्रयास है, जो दोनों देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करेगा।
अगस्त 2021 में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया। तब से भारत ने तालिबान के साथ कामकाजी संबंध बनाए रखे हैं। जून 2022 में भारत ने काबुल में अपनी कूटनीतिक उपस्थिति बहाल की, ताकि क्षेत्रीय हितों की रक्षा हो सके, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच। तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जैसे हाल के पूरे देश में संचार ब्लैकआउट, जो पुराने फाइबर-ऑप्टिक केबलों को बदलने से जुड़ा बताया जा रहा है। भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में स्थिरता और आतंकवाद-मुक्त माहौल की वकालत की है।
यह दौरा तालिबान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति की दिशा में बड़ा कदम है, खासकर जब पाकिस्तान के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत के लिए यह 'वाया मीडिया' (मध्य मार्ग) है, जहां बिना मान्यता के व्यावहारिक सहयोग बढ़ाया जा सकता है। मुख्य मुद्दे आतंकवाद विरोधी प्रयास हैं। तालिबान ने अप्रैल में पहलगाम हमले की निंदा की, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़ा था। 15 मई को जयशंकर के साथ फोन वार्ता में तालिबान ने भारत-अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने वाली फर्जी खबरों को खारिज किया। मुत्तकी ने भारत को 'मुख्य क्षेत्रीय देश' बताया और अफगानिस्तान की संतुलित विदेश नीति पर जोर दिया। तालिबान भारत में अधिक राजनयिक तैनात करने, अफगान छात्रों, व्यापारियों और मरीजों के लिए वीजा बढ़ाने तथा व्यापार संबंध मजबूत करने की मांग कर रहा है।
Updated on:
03 Oct 2025 09:10 am
Published on:
02 Oct 2025 10:58 pm
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