बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज हो गई है। सीएम नीतीश कुमार भी चुनाव को लेकर काफी एक्टिव हैं। लोगों को खुश करने के लिए वह आए दिन बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने 125 यूनिट तक सभी घरों में बिजली फ्री देने का एलान किया था। अब उन्होंने चुनाव से ठीक पहले एक तीर से सीधे तीन निशाना साध दिया है।
दरअसल, नीतीश सरकार ने मंगलवार को शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई) के तहत टीचरों की होने वाली बहाली में डोमिसाइल नीति को लागू करने की मंजूरी दे दी है।
इससे 85 प्रतिशत से अधिक सीटें केवल बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी। टीआरई-4 में डोमिसाइल नीति के तहत शिक्षकों की बहाली होगी। बता दें कि इस साल के अंत में टीआरई-4 के तहत 1.10 लाख टीचरों की भर्ती हो सकती है।
अधिसूचना में यह बताया गया है कि शिक्षक बहाली में 40 प्रतिशत सीटें केवल उन छात्रों के लिए आरक्षित रहेंगी, जिन्होंने बिहार के किसी भी कॉलेज या स्कूल से 10वीं या 12वीं परीक्षा पास की है।
इसका मतलब है कि अगर बिहार के भी किसी छात्र ने बिहार के बाहर से 10-12वीं की पढाई की है तो उन्हें भी आरक्षण का भी फायदा नहीं मिलेगा।
इसके अलावा, इस भर्ती में बिहार के अति-पिछड़ा, पिछड़ा और ईडब्लूएस वर्ग के कैंडिडेटों के लिए अलग से आरक्षित सीटों की घोषणा की गई है। वहीं, इस बहाली में बिहार की महिलाओं के लिए भी कुछ सीटें निर्धारित हैं।
इस घोषणा के जरिए, सीएम नीतीश ने सीधे तौर बिहार के युवा वर्ग को खुशकर अपने पाले में करने की कोशिश की। इसके अलावा, सीएम नीतीश ने कुछ ही दिनों पहले महिलाओं को लेकर भी एक बड़ी घोषणा की थी।
8 जुलाई को, एनडीए सरकार ने सरकारी नौकरियों में बिहार की मूल निवासी महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया था।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह आरक्षण 2016 से लागू है, पहले अन्य राज्यों की महिलाएं भी इस कोटे का फायदा उठा सकती थीं। अब केवल बिहार की महिलाओं को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
इसी तरह, सीएम नीतीश ने एकसाथ दो वर्गों को खुश करने का काम किया। दूसरी ओर, इन घोषणाओं से राजद नेता तेजस्वी यादव को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है।
वह लगातार रोजगार का मुद्दा लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं। अब ऐसे में सीएम नीतीश को मात देने के लिए तेजस्वी को कुछ रणनीतियों पर काम करना पड़ सकता है।
Published on:
06 Aug 2025 01:41 pm