तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के नए बयान से एक बार फिर सियासत तेज होने की उम्मीद है। उन्होंने 'सनातन धर्म' वाले बयान पर फिर सफाई दी है।
दरअसल, चेन्नई में उदयनिधि स्टालिन बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान, उन्होंने कहा कि भारत में नफरत फैलाने वाले भाषणों का चलन बढ़ रहा है, खासकर अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर तरह-तरह के झूठे प्रचार फैलाए जा रहे हैं। देश में एक फाएसीवादी गिरोह है जिसका पूरा काम सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें फैलाकर लोगों को भ्रमित करना है। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता, आप जानते हैं कि वे कौन हैं।
स्टालिन ने आगे कहा कि फेक न्यूज को रोकने के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में, डेडिकेटेड फैक्ट चेक टीम नाम से एक जागरूकता अभियान चलाया गया है, जहां छात्रों को पढ़ाया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि अब तमिलनाडु में फर्जी खबरों में कमी आ रही है। मैं फैक्ट-चेक टीम के प्रयासों की सराहना करता हूं। इसके माध्यम से 47,000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है और मैं आप सभी से इस मुद्दे पर खुलकर बोलने की अपील करता हूं। आपको असली और नकली खबरों में अंतर करना चाहिए।
इस बीच, उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गलत सूचना और भ्रामक सूचना पहले से प्लान होती है। भ्रामक सूचना को गलत सूचना से ज्यादा खतरनाक माना जाता है। दो साल बाद, गलत सूचना और भ्रामक सूचना दोनों ही वैश्विक स्तर पर खतरनाक होंगी।
उन्होंने कहा कि तीन साल पहले, मैंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, जहां मैंने कहा था कि सभी लोग एक समान होने चाहिए, किसी के जन्म के आधार पर कोई असमानता नहीं होनी चाहिए, लेकिन लोगों ने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
ऐसा दिखाया जैसे मैंने नरसंहार का आह्वान किया हो। लोगों ने मेरे सिर की कीमत तक तय कर दी, उन्होंने मुझसे माफी मांगने को कहा। मैंने कहा कि मैं माफी नहीं मांग सकता और उनसे कहा कि वे जो चाहें करें। तमिल लोग झूठ और असत्य में विश्वास नहीं करते। यह हमारे पेरियार ही हैं जिन्होंने हमें सोचना, काम करना और सवाल पूछना सिखाया।
दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में विवादित बयान दिया था. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था 'सनातन धर्म' सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। इसे मलेरिया और डेंगू के जैसा खत्म कर देना चाहिए।
इस बयान को लेकर देश भर में बवाल मच गया था. एक संत ने उदयनिधि का सिर कलम करने वालों को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की भी घोषणा कर दी थी।
Published on:
03 Sept 2025 11:41 am