
आम आदमी पार्टी ने बिहार में भाजपा पर वोट चोरी का जड़ा आरोप।
Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुई रिकॉर्डतोड़ वोटिंग पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। कोई इसे जनता का सरकार के प्रति समर्थन बता रहा है तो कोई इसे बदलाव की लहर मान रहा है। इसी बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। पार्टी ने दावा किया है कि भाजपा ने “संगठित तरीके से वोटरों को दूसरे राज्यों से बिहार भेजा”, जिससे इस बार ऐतिहासिक मतदान हुआ है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता के इस बयान से सियासी पारा हाई हो गया है।
दिल्ली में आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक यूट्यूब वीडियो शेयर कर आरोप लगाया कि भाजपा ने लाखों वोटरों को हरियाणा, दिल्ली और अन्य शहरों से बिहार भेजा था। उन्होंने कहा कि इन लोगों को भाजपा की ओर से ट्रेन टिकट उपलब्ध कराए गए थे। वीडियो में कुछ लोग गले में भाजपा का पटका पहने यह कहते दिख रहे हैं कि वे वोट देने बिहार जा रहे हैं और उनकी यात्रा की व्यवस्था पार्टी ने की है। इसपर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने भाजपा की सराहना की तो कुछ ने पार्टी की नीतियों को कोसना शुरू कर दिया।
वहीं सौरभ भारद्वाज ने अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर एक पोस्ट की। उसमें लिखा,”वोट चोरी। भाजपा के करनाल के जिला अध्यक्ष स्टेशन पर मौजूद हैं। भाजपा ने संगठित तरीके से वोटरों को चिन्हित किया। SIR में भाजपा द्वारा चिन्हित वोटरों की वोट नहीं काटी गई। फिर लाखों तादाद में वोटरों को अलग अलग शहरों से चुनाव से पहले बिहार भेजा गया। ट्रेन की टिकट आदि सारे इंतजाम भाजपा ने किए। इस तरीके से बिहार की वोटिंग 75 साल के सबसे ऐतिहासिक स्तर पर पहुंची।”
पहले चरण के तहत गुरुवार को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ। राज्य के 3.75 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 64.66% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह बिहार के इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है। 2000 में यह आंकड़ा 62.57% था, जबकि 2020 में कोविड-19 के दौरान 57.29% वोटिंग हुई थी। चुनाव आयोग का कहना है कि अंतिम आंकड़ों में मामूली बढ़ोतरी की संभावना अभी भी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इतनी बड़ी वोटिंग दर सत्ता-विरोधी लहर से लेकर जनसमर्थन तक कई मायनों में संकेत दे सकती है, लेकिन आप के आरोपों ने इस रिकॉर्ड को एक नए विवाद में बदल दिया है।
बिहार में पिछले पांच विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो मतदान प्रतिशत में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। वर्ष 2000 में राज्य में 62.57% मतदान हुआ था, जो उस समय तक का रिकॉर्ड था। इसके बाद 2005 में दो बार चुनाव हुए। फरवरी में 46.5% और अक्तूबर में 52.6% मतदान दर्ज किया गया। 2010 में यह आंकड़ा बढ़कर 52.65% तक पहुंचा। 2015 में महागठबंधन और एनडीए के बीच कड़े मुकाबले में मतदान प्रतिशत 56.8% रहा, जबकि 2020 में कोविड-19 महामारी के बावजूद 57.29% वोटिंग हुई। इस बार पहले चरण में 64.66% मतदान के साथ बिहार ने पिछले 75 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
Published on:
07 Nov 2025 11:32 am
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