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भारत में पहली बार बिना ड्राइवर चलेंगी दिल्ली मेट्रो की ट्रेनें, DMRC बनेगा दुनिया का सबसे लंबा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क

Delhi Metro: देश में पहली बार दिल्ली मेट्रो ने बिना चालक यानी स्वचालित ट्रेनें दौड़ानी शुरू कर दी हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (DMRC) का यह ऐतिहासिक कदम शहरी परिवहन में स्वचालन को बढ़ावा देने और मेट्रो सेवाओं के बेहतर बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Delhi Metro run without drivers first time in India DMRC Experiment completed on Magenta Line in Delhi
दिल्ली में पहली बार मैजेंटा लाइन पर दौड़ी ड्राइवरलेस मेट्रो।

Delhi Metro: देश की राजधानी दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन (जनकपुरी वेस्ट से बॉटेनिकल गार्डन) अब पूरी तरह से ड्राइवरलेस हो गई है। इसका मतलब है कि अब इस लाइन की सभी ट्रेनें बिना किसी ट्रेन ऑपरेटर के अपने आप चल रही हैं। यह कदम दिल्ली मेट्रो के अत्याधुनिक तकनीक की ओर बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। दरअसल, दिल्ली मेट्रो ने Unattended Train Operation (UTO) प्रणाली को साल 2020 में लागू करना शुरू किया था। अब यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। चार चरणों में हुए इस बदलाव के बाद मई 2025 से मैजेंटा लाइन पर पूरी तरह ड्राइवरलेस ट्रेनें दौड़ रही हैं।

मैजेंटा लाइन पर पहली बार दौड़ी ड्राइवरलेस मेट्रो

दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि चार चरणों में चली इस प्रक्रिया के तहत पहले मेट्रो केबिन के दरवाजे हटाए गए। इसके बाद ट्रेन ऑपरेटर को ट्रेन में कहीं भी रहने की अनुमति दी गई और अंत में ऑपरेटरों को पूरी तरह हटा दिया गया। अब यही प्रक्रिया पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) पर भी शुरू हो चुकी है और उम्मीद है कि आने वाले 3-4 महीनों में यह लाइन भी पूरी तरह ऑटोमेटिक हो जाएगी। अधिकारी ने आगे बताया कि दिल्ली मेट्रो का लक्ष्य है कि आने वाले समय में इसके सभी नए कॉरिडोर भी ड्राइवरलेस हों। दिल्ली मेट्रो पहले से ही 97 किलोमीटर के ड्राइवरलेस नेटवर्क का संचालन कर रही है। जो दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है।

यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का होगा अनुभव

मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, इस तकनीक से ट्रेन संचालन अधिक सुरक्षित, समयनिष्ठ और विश्वसनीय होगा। यात्रियों को बिना किसी देरी और मानवीय त्रुटियों के एक बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। यह तकनीकी बदलाव दिल्ली में स्मार्ट और आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक बड़ा कदम है। फिलहाल, जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मैजेंटा लाइन ड्राइवर रहित हो गई है।

दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों ने क्या कहा?

दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार, मैजेंटा लाइन पर कुशलतापूर्वक ड्राइवरलेस ट्रेनें दौड़ाने के बाद अब पिंक लाइन पर भी इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली की पिंक लाइन पर भी अगले तीन से चार महीनों में स्वचालित ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसकी प्रक्रिया जून से शुरू कर दी गई है। डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क में दिल्ली ने अपनी जगह बना ली है। दिल्ली-एनसीआर में 395 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क में से 97 किलोमीटर मेट्रो लाइन पूरी तहर ड्राइवरलेस हो चुकी है। अब पिंक लाइन पर भी जल्द ही ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी।

इन लाइनों को ड्राइवरलेस करने की प्रक्रिया शुरू

दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में तीन महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर चालक रहित ट्रेन चलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें आरके आश्रम मार्ग से जनकपुरी पश्चिम (मैजेंटा लाइन का विस्तार), एरोसिटी से तुगलकाबाद (नई गोल्डन लाइन) और मजलिस पार्क से मौजपुर (पिंक लाइन का विस्तार) शामिल हैं। इसके अलावा पिछले साल चौथे चरण के तहत तीन और कॉरिडोर को मंजूरी दी गई थी। इसमें लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक (गोल्डन लाइन का विस्तार), इंद्रलोक-इंद्रप्रस्‍थ (ग्रीन लाइन का विस्तार) और रिठाला-नरेला-कुंडली (रेड लाइन का विस्तार) शामिल हैं। इनका निर्माण कार्य भी शुरू होने वाला है।

डीएमआरसी की क्या है आगे की रणनीति?

दिल्ली मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, चौथे चरण में ड्राइवरलेस ट्रेने दौड़ाने की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद दिल्ली में लगभग 160 किलोमीटर का नेटवर्क ड्राइवरलेस हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली मेट्रो टॉप-5 चालक रहित मेट्रो प्रणालियों में शामिल जाएगी। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन 312 मेट्रो खरीदने की तैयारी कर रही है। ये वो मेट्रो ट्रेनें होंगी जो चौथे चरण के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में चालक रहित होकर दौड़ेंगी। फिलहाल दिल्ली में 97 किलोमीटर के नेटवर्क में चालक रहित मेट्रो दौड़ रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में ड्राइवरलेस मेट्रो संचालन से यात्रियों को सुरक्षित और तेज यात्रा का अनुभव मिलेगा, क्योंकि स्वचालक प्रक्रिया मैन्युअल हस्तक्षेप के कम करती है और परिचालक दक्षता को बढ़ावा देती है।