पटना. बिहार में ऑनलाइन प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को कुछ लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया गया है। अलग-अलग जिलों से हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं। पटना में एक ‘डॉग बाबू’ (श्वान) को आवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद अब जहानाबाद में ‘मोबाइल’ के आय प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन भेजा गया। हालांकि इस बार विभागीय कर्मचारियों ने समय पर शरारत को पकड़ लिया। आवेदन खारिज कर दिया गया।आवेदन में नाम, पिता और माता के नाम मोबाइल पर आधारित थे। आवेदक का नाम ‘सैमसंग’, पिता का नाम ‘आईफोन’, माता का नाम ‘स्मार्टफोन’, पता ‘बैटरी’ और डाकघर ‘ढक्कन’ बताया गया। जहानाबाद में मोदनगंज के अंचल अधिकारी मोहम्मद आसिफ हुसैन ने बताया कि यह हरकत किसी ने सरकार की छवि खराब करने के मकसद से की। मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। इससे पहले बिहार के मधेपुरा में ‘एयरफोन’ के नाम से आवास प्रमाण-पत्र का आवेदन दिया गया था। इसमें पिता का नाम ‘मोबाइल’ और मां का नाम ‘बैटरी’ बताया गया था।
सुविधा बनाम शरारत
जहानाबाद के एक अधिकारी ने कहा कि साइबर थाने की पुलिस पता लगाएगी कि ऑनलाइन आवेदन कहां से भरा गया। लोगों को ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा इसलिए दी गई है कि उनका काम आसान हो जाए, लेकिन सुविधा के नाम पर कई लोग शरारत से बाज नहीं आ रहे हैं। यह सरकारी कर्मियों को परेशान करने और कामकाज में बाधा डालने का मामला है।
‘ट्रैक्टर’ भी नहीं चूका
पटना में श्वान के आवास प्रमाण पत्र के लिए मिले आवेदन में नाम ‘डॉग बाबू’ था, जबकि पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ और माता का नाम ‘कुतिया देवी’ था। इस मामले में मसौढ़ी अंचल के कार्यपालक सहायक मिंटू कुमार निराला को बर्खास्त कर दिया गया। मोतिहारी के कोटवा अंचल कार्यालय में ‘ट्रैक्टर’ का आवास प्रमाण पत्र बन गया था।
Published on:
01 Aug 2025 12:53 am