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अब पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने में जुटेगी भाजपा

कोलकाता व आसपास की सौ सीटों में छुपी है प.बंगाल की कुंजी

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अभिषेक सिंघल

नई दिल्ली। बिहार में एनडीए की एक तरफा जीत दर्ज करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का अगला लक्ष्य अब तक दुरूह रहे पश्चिम बंगाल में परचम फहराना है। भाजपा कोलकाता में राइटर्स बिल्डिंग पर कमल खिलाने के लिए अभेद्य रहे कोलकाता औऱ आसपास के इलाकों को जीतने का लक्ष्य बना रही है।

हुगली, कोलकाता, हावड़ा, उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो भाजपा के लिए पहेली बना हुआ है। राजधानी कोलकाता और आस पास का यह क्षेत्र तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है। यहां करीब 108 सीटे हैं जो पश्चिम बंगाल की सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाती हैं। इन 108 में से 2021 के चुनाव में टीएमसी को 98 सीटें और भाजपा को महज 9 सीट पर जीत मिली थी। वहीं एक सीट आईएसएफ को मिली थी। भारतीय जनता पार्टी जहां पिछले विधानसभा, लोकसभा चुनावों के आंकड़ों के साथ ही इसमें से प्रत्येक क्षेत्र के स्थानीय सामाजिक समीकरणों के आधार पर हर सीट के लिए विशेष रणनीति बना रही है।

अनुभवियों को सौंपी है कमान

भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के पिछले चुनाव अभियानों को ध्यान में रखते हुए इस बार संगठन के स्तर पर ऐसे कार्यकर्ताओं को जिम्मा सौंपा है जो पिछले डेढ़ दशक में कई राज्यों में भाजपा को बड़ी चुनावी जीत दिला चुके हैं। प्रभारी महासचिव के रूप में सुनील बंसल के पास प्रदेश के सांगठनिक प्रभारी का जिम्मा है। मंगल पांडे प्रभारी और अमित मालवीय सह प्रभारी हैं। वहीं चुनाव प्रभारी के रूप में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को जिम्मा सौंपा गया है। उनके साथ त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को सह प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया है।

तीन से 77, इस बार जादुई आंकड़े की तलाश

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 77 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज 3 सीट ही हासिल हुई थी। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 148 सीट का है। पश्चिम बंगाल की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 में पूरा हो रहा है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होंगे। वहां कुल 294 विधानसभा सीटें हैं।