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पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले नायकों समेत 1090 बहादुरों की सूची जारी, दिल्ली में मिलेगा सम्मान

Operation Sindoor: सरकार की ओर से जारी सूची के अनुसार, 233 जवानों को वीरता पदक, 99 को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और 758 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए जाएंगे।

Pakistan defeated in Operation Sindoor 1090 soldiers honored in Delhi On 79th Independence Day
दिल्ली में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर ऑपरेशन सिंदूर के बहादुरों समेत 1090 शूरवीरों का सम्मान होगा। (फोटोः PTI)

Operation Sindoor: राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली में शुक्रवार को धूमधाम से 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर 1090 बहादुर जवानों और अधिकारियों को केंद्र सरकार विभिन्न पदकों से सम्मानित करेगी। गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि इन वीरों ने विभिन्न परिस्थितियों में देश सेवा के प्रति अद्वितीय समर्पण और साहस का परिचय दिया है। इनमें सबसे अधिक चर्चा उन जवानों की हो रही है, जिन्होंने मई 2025 में जम्मू-कश्मीर में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान असाधारण बहादुरी दिखाई। सरकार की ओर से जारी सूची के अनुसार, 233 जवानों को वीरता पदक, 99 को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और 758 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कई जवानों के अदम्य साहस की कहानियां सामने आई हैं।

जोखिम भरे मिशन पर डटे रहे जवान

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जम्मू क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात एसआई व्यास देव और कांस्टेबल सुद्दी राभा को अग्रिम चौकियों तक गोला-बारूद पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसी दौरान दुश्मन का 82 मिमी मोर्टार शेल उनके निकट फट गया। कई छर्रे लगने के बावजूद एसआई व्यास देव ने होश बनाए रखा और अपने साथियों को प्रेरित करते हुए कार्य जारी रखा। बाद में उनकी जान बचाने के लिए बाएं पैर को काटना पड़ा। कांस्टेबल राभा भी गंभीर रूप से घायल हुए, लेकिन हार नहीं मानी। दोनों को वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा।

ड्रोन हमले और गोलाबारी के बीच मोर्चा संभाला

खारकोला के संवेदनशील बीओपी पर तैनात असिस्टेंट कमांडर अभिषेक श्रीवास्तव और उनकी टीम ने पाकिस्तानी गोलाबारी और ड्रोन हमले का डटकर सामना किया। इसमें हेड कांस्टेबल बृज मोहन सिंह, कांस्टेबल भूपेंद्र बाजपेयी, राजन कुमार, बसवराज शिवप्पा सुनकड़ा और देपेश्वर बर्मन शामिल थे। पाकिस्तान के हमले के दौरान घायल होने के बावजूद सभी जवान मोर्चे पर डटे रहे और एक पाकिस्तानी ड्रोन को निष्क्रिय किया।

अभिषेक ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना घायल साथियों को सुरक्षित निकाला। इन सभी छह जवानों को वीरता पदक मिलेगा। डिप्टी कमांडेंट रवींद्र राठौर और उनकी टीम ने भारी दबाव के बीच एक BSF जवान की जान बचाने का सफल अभियान चलाया। उनके अद्वितीय साहस और परिचालन कौशल के लिए पूरी टीम को वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा।

पाकिस्तानी कैमरा और एचएमजी नेस्ट नष्ट

120 बटालियन के एएसआई उदय वीर सिंह ने 10 मई 2025 को जबोवाल बीओपी पर भीषण गोलाबारी के बीच पाकिस्तानी निगरानी कैमरा नष्ट किया, जिससे दुश्मन की वास्तविक समय की निगरानी बाधित हो गई। होंठ पर गंभीर चोट के बावजूद उन्होंने दुश्मन के एचएमजी नेस्ट को भी बेअसर किया। करोटाना खुर्द बीओपी पर गोला-बारूद की कमी के बीच एएसआई राजप्पा बीटी और कांस्टेबल मनोहर ने 10 मई को भारी जोखिम उठाकर पुनः आपूर्ति पहुंचाई। इस दौरान दोनों घायल हुए, लेकिन मिशन पूरा किया।

लगातार 48 घंटे तक जवाबी कार्रवाई

53 बटालियन के सहायक कमांडेंट आलोक नेगी ने कांस्टेबल कंदर्प चौधरी और वाघमारे भवन देवराम के साथ एफडीएल मुखयारी में 7 से 10 मई तक दुश्मन की गोलाबारी के बीच रक्षात्मक कार्रवाई का नेतृत्व किया। दोनों कांस्टेबलों ने मोर्टार डिटेचमेंट की कमान संभालते हुए 48 घंटे से अधिक समय तक लगातार और सटीक जवाबी फायर किया। इस कार्रवाई से दुश्मन के ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा और भारतीय मोर्चे पर कोई हताहत नहीं हुआ।

भारतीय सेना ने कब चलाया था ऑपरेशन सिंदूर?

जम्मू कश्मीर में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 7-8 मई 2025 को पाकिस्तान के खिलाफ सटीक हमले किए थे। केंद्र सरकार ने इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र में बीएसएफ चौकियों पर भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले किए। इस तनावपूर्ण माहौल में भारतीय जवानों ने अद्वितीय साहस दिखाकर सीमा की रक्षा की। इन सभी वीरों की कहानियां 79वें स्वतंत्रता दिवस के समारोह में देशवासियों को प्रेरित करेंगी और उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखा जाएगा।