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10 साल में होगा बड़ा बदलाव, अंतरिक्ष में होंगी सबसे ज्यादा वेतनवाली नौकरियां

एआइ का संभावित असरः तेजी से बदल रहा है नौकरी बाजार, विशेषज्ञों का अनुमान

नई दिल्ली. कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से वैश्विक नौकरी बाजार को बदल रही है और विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में नौकरियों का स्वरूप आज से बिल्कुल अलग होगा। ओपनएआइ के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने अनुमान जताया है कि अगले 10 साल में कॉलेज स्नातकों के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण (स्पेस रिसर्च) सबसे ज्यादा वेतन वाला और वास्तविक करियर विकल्प बन सकता है। विज्ञान, इंजीनियरिंग और स्वचालन में एआइ की प्रगति नए उद्योगों के रास्ते खोलेगी, खासकर अंतरिक्ष से जुड़े क्षेत्रों में।सैम ऑल्टमैन ने वीडियो पत्रकार क्लियो अब्राम से बातचीत में कहा कि 2035 तक युवा पेशेवर ऐसे मिशनों पर काम कर सकते हैं जिनमें वे सौर मंडल का अन्वेषण करेंगे। ऑल्टमैन के मुताबिक, अंतरिक्ष अन्वेषण अब केवल सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों तक सीमित नहीं रहेगा। निजी कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां विभिन्न पृष्ठभूमियों के कुशल पेशेवरों को अवसर देंगी। उन्होंने कहा, '2035 में एक स्नातक छात्र अंतरिक्ष यान पर सवार होकर रोमांचक और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी में सौर मंडल का रिसर्च करने जा सकता है।' अमरीकी श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के पद तेजी से बढ़ रहे हैं और इस क्षेत्र में सालाना औसतन 1.30 लाख डॉलर से अधिक वेतन मिल रहा है। भविष्य में रोबोटिक्स विशेषज्ञ, एआइ तकनीशियन और ग्रह वैज्ञानिक जैसी भूमिकाओं की भी मांग बढ़ सकती है। ऑल्टमैन का कहना है कि एआइ कुछ नौकरियां खत्म करेगा, लेकिन नए करियर अवसर भी पैदा करेगा। जीपीटी-5 के लॉन्च के बाद उन्होंने एआइ को ऐसा उपकरण बताया जो छोटी टीमों या अकेले व्यक्ति को भी बड़े संगठनों जितना काम करने में सक्षम बना सकता है।

कामकाजी सप्ताह होगा छोटाः गेट्स

प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अन्य दिग्गज भी एआइ के असर पर इसी तरह के विचार रखते हैं। बिल गेट्स का मानना है कि भविष्य में कामकाजी सप्ताह छोटा हो सकता है, जबकि एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग के अनुसार, एआइ मानवीय क्षमता को बढ़ाने का माध्यम है। मार्क क्यूबन ने भविष्यवाणी की है कि एआइ की मदद से घर में बैठकर व्यवसाय चलाने वाला कोई अकेला व्यक्ति भी खरबपति हो सकता है।

अंतरिक्ष मिशनों में एआइ की भूमिका

अंतरिक्ष अनुसंधान में एआइ की भूमिका पहले से ही दिख रही है। ऑटोमेटिक नेविगेशन, पूर्वानुमानित रखरखाव और मिशन डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होने लगा है। इसरो और नासा मंगल पर मानव मिशन की योजना बना रहा है। ऐसे में 2035 के स्नातक एक ऐसे दौर में कदम रख सकते हैं जब चंद्रमा, मंगल और अन्य गंतव्यों के लिए वाणिज्यिक और सरकारी मिशन आम बात होंगे।