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बाघों की बहार…काजीरंगा में हर 100 किलोमीटर में 18 बाघ

148 वयस्कों की पहचान, इनमें 83 मादा और 55 नर शामिल

गुवाहाटी. असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह दुनिया में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी वाला तीसरा इलाका बन गया है। यहां हर 100 वर्ग किलोमीटर में 18 बाघ हैं। काजीरंगा में 148 बाघ हैं। इनमें 83 मादा और 55 नर हैं, जबकि 10 के बारे में स्पष्टता नहीं हो सकी है। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर जारी काजीरंगा पार्क की नई रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स इन काजीरंगा 2024’ में यह जानकारी दी गई।

बाघों की गिनती के लिए दिसंबर 2023 से अप्रेल 2024 तक पूरे रिजर्व में 1,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए। इन कैमरों की मदद से 148 वयस्क बाघों की पहचान हुई। सर्वे नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की गाइडलाइन के मुताबिक किया गया। पार्क की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने कहा कि यह आंकड़ा सिर्फ संख्या नहीं है। यह काजीरंगा के स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और सफल संरक्षण का प्रतीक है। आगे भी ऐसे प्रयास जारी रखने होंगे, ताकि जैव विविधता सुरक्षित रह सके। काजीरंगा में 2022 के मुकाबले बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर लिखा, असम बाघों को बचा ही नहीं रहा है, बल्कि उनका साम्राज्य भी लौटा रहा है।

रिहायशी क्षेत्र के विस्तार से हुई बढ़ोतरी

काजीरंगा के बिश्वनाथ वाइल्डलाइफ डिवीजन में पहली बार सर्वे हुआ। वहां 27 बाघ मिले। ईस्टर्न असम वाइल्डलाइफ डिवीजन में 2022 में 104 बाघ थे, जो अब बढक़र 115 हो गए हैं। नागांव डिवीजन में बाघों की संख्या छह पर कायम है। पार्क में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण इनके रिहायशी क्षेत्र का विस्तार है। इसके तहत पार्क में 200 वर्ग किलोमीटर का नया क्षेत्र शामिल किया गया।

निगरानी की नई तकनीक का इस्तेमाल

पार्क में बाघों की निगरानी के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन, इंफ्रारेड कैमरों और इलेक्ट्रॉनिक आइ जैसी तकनीक से निगरानी को बेहतर बनाया गया। महिला वन रक्षकों ने भी अहम भूमिका निभाई। वन दुर्गा के रूप में 113 प्रशिक्षित महिला कर्मचारी बाघों की निगरानी के काम में जुटी हैं।