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मातृकुंडिया बांध विस्थापितों का आंदोलन को 36 दिन बीते, मांगों पर अड़े किसान, नहीं निकला सलह का रास्ता

मातृकुंडिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित गांवों के किसानों द्वारा बांध के गेटों पर शुरू किया गया धरना मंगलवार को 35वें दिन भी जारी रहा।

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Farmers Protest News

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रेलमगरा. मातृकुंडिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित गांवों के किसानों द्वारा बांध के गेटों पर शुरू किया गया धरना मंगलवार को 35वें दिन भी जारी रहा। राजसमंद जिला कलेक्टर अरुणकुमार हसीजा मौके पर पहुंचे और संभागीय आयुक्त की बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रति किसानों को सौंपी, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे और धरना समाप्त करने से इंकार कर दिया। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष माधवलाल चौधरी ने बताया कि मातृकुंडिया बांध का निर्माण प्रारंभ में भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध को भरने के लिए एनिकट निर्माण के नाम से किया गया था, लेकिन बाद में इसे पूर्ण बांध स्वरूप दे दिया गया। उन्होंने कहा कि अपनी समस्याओं को लेकर पहले भी किसान व्यापक आंदोलन और भूख हड़ताल कर चुके हैं, परंतु अधिकारियों ने केवल आश्वासन देकर किसानों के साथ छलावा किया। वर्तमान में किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि अधिकारी स्थल पर तो पहुंच रहे हैं, पर किसानों की मूल समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए अप्रासंगिक विषयों पर निर्णय ले रहे हैं, जिससे काश्तकारों का भला होता नहीं दिख रहा।

किसानों की प्रमुख मांगें

  • बांध का जल स्तर 12 फीट रखा जाए, ताकि यह एनिकट के समान रहे। अन्यथा, प्रभावित खेतों का उचित मुआवजा दिया जाए।
  • जवासिया गुर्जनिया क्षेत्र में सीपेज की स्थायी समस्या के समाधान हेतु वॉटरप्रूफ नहर का निर्माण किया जाए तथा सीपेज से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
  • बामनिया कलां के पास बनास नदी में एनिकट का निर्माण किया जाए और वहां से फीडर लाइन द्वारा रेलमगरा क्षेत्र के तालाबों व एनिकटों को भरने के बाद चित्तौड़गढ़ जिले के तालाबों तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था हो।
  • मातृकुंडिया बांध में रेलमगरा एवं गंगापुर के लिए रिजर्व 170 एमसीएफटी पानी को प्रभावित गांवों की सिंचाई अथवा पेयजल व्यवस्था के लिए प्राथमिकता से उपयोग किया जाए।
  • हिंदुस्तान जिंक द्वारा सीएसआर मद से होने वाले कार्यों में गिलूण्ड, कुंडिया, जवासिया सहित प्रभावित गांवों को प्राथमिकता दी जाए।
  • सभी निर्णय किसानों को लिखित रूप में दिए जाएं तथा संभागीय आयुक्त के निर्देशन में गठित समिति को स्थायी समिति घोषित किया जाए।