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63 की उम्र में शुरू की 3 हजार किमी लंबी गंगोत्री से रामेश्वरम की पैदल यात्रा

Gangotri shrine to Rameshwaramनरसिंहपुर. सेवानिवृत्ति के बाद स्वयं को पूर्ण रूप से आध्यात्मिक पथ पर समर्पित कर चुके पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एचपी कुर्मीं इन दिनों अपनी अनोखी और प्रेरक पदयात्रा के लिए चर्चा में हैं। मूलत: जिला सागर के निवासी कुर्मीं ने 4 अक्टूबर को पवित्र गंगोत्री धाम से रामेश्वरम तक की लंबी पदयात्रा […]

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झंडा लेकर पैदल यात्रा करते पूर्व शिक्षा अधिकारी।

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Gangotri shrine to Rameshwaramनरसिंहपुर. सेवानिवृत्ति के बाद स्वयं को पूर्ण रूप से आध्यात्मिक पथ पर समर्पित कर चुके पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एचपी कुर्मीं इन दिनों अपनी अनोखी और प्रेरक पदयात्रा के लिए चर्चा में हैं। मूलत: जिला सागर के निवासी कुर्मीं ने 4 अक्टूबर को पवित्र गंगोत्री धाम से रामेश्वरम तक की लंबी पदयात्रा की शुरुआत की है।
यात्रा के दौरान नरसिंहपुर पहुंचे कुर्मीं ने बताया कि वे अब तक 1300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं। उनके साथ दमोह जिले के तेंदूखेड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम पौड़ी निवासी पूरनलाल साहू भी पदयात्री के रूप में यात्रा कर रहे हैं। दोनों यात्री प्रतिदिन औसतन 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। कुर्मीं बताते हैं कि कुल यात्रा लगभग 3000 किलोमीटर की है, जिसमें से करीब 1700 किलोमीटर की दूरी अभी शेष है। संभावना है कि वे फरवरी माह के प्रथम सप्ताह तक रामेश्वरम पहुंच जाएंगे। रामेश्वरम पहुंचकर वे गंगोत्री से लाए गए पवित्र गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करेंगे।
यात्रा सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, युवाओं के लिए संदेश भी
करीब 63 वर्षीय एचपी कुर्मीं कहते हैं कि यह यात्रा पूरी तरह आध्यात्मिक साधना है, लेकिन इसके माध्यम से वे युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी देना चाहते हैं कि
अलस्य और प्रमाद छोडकऱ यदि व्यक्ति लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ता रहे, तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं। वे बताते हैं कि उनकी पूरी यात्रा 9 राज्यों से होकर गुजर रही है। जहां-जहां से वे निकले, वहां लोगों ने उन्हें भरपूर सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान ऐसा कोई दिन नहीं आया जब उन्हें स्वयं भोजन बनाना पड़ा हो। जहाँ भी रात में पड़ाव होता है, स्थानीय लोग स्वयं आगे आकर भोजन कराते हैं।
यात्रा बन रही नया अनुभव और ऊर्जा का स्रोत
पूर्व अधिकारी कुर्मीं का कहना है कि यह यात्रा उनके लिए आध्यात्मिक, मानवीय सद्भाव और सामाजिक एकता का अनूठा अनुभव बन रही है। इस यात्रा ने मुझे धर्म, अध्यात्म और समाज के प्रति विश्वास की नई ऊर्जा दी है। यह अनुभव जीवनभर याद रहेगा। गंगोत्री से रामेश्वरम तक की यह पदयात्रा न केवल आध्यात्मिक तपस्या है, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी, जो दिखाती है कि दृढ़ संकल्प और अनुशासन से कोई भी लक्ष्य साधा जा सकता है।
सिद्ध झिरना मंदिर में किया रात्रि विश्राम
कुर्मी कहते हैं कि सेवानिवृत्ति के अगले दिन ही उन्होंने सागर से अयोध्या तक पदयात्रा की। यह उनकी दूसरी यात्रा है। नरसिंहपुर से निकलते समय कुर्मी ने सिद्ध झिरना प्रांगड़ में रात्रि विश्राम किया एवं अपने पूर्व सहकर्मियों से मिले। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष नीरज दुबे, संजय नेमा, एके ब्यौहार, योगेश शर्मा, बीएस शर्मा, सबल पटेल, राजेश तिवारी, अनुराग मिश्रा, अशोक उदेनिया, बीएन पांडे, वीरेंद्र चौरसिया, जेएन शर्मा, देवेश वैद्य, मनीष कटारे, दीपक अग्निहोत्री, जय सोनी, बृजेश नेमा, भूपेंद्र ठाकुर, धनीराम मेहरा एवं शिक्षा विभाग तथा सहकार सामाजिक संस्था के सदस्यों द्वारा कुर्मी का स्वागत किया गया।