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BJP और JDU में सीटों के टकराव पर केसी त्यागी का बड़ा बयान, बोले- पासवान, मांझी और कुशवाहा…

जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर जदयू और भाजपा के बीच तनाव की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया।

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KC Tyagi

जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी (Photo-IANS)

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अफवाहों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बड़ा बयान दिया है। त्यागी ने जेडीयू और भाजपा के बीच किसी भी टकराव की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 2005 से दोनों पार्टियां लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एकजुट होकर लड़ रही हैं। मनमुटाव का कोई सवाल ही नहीं उठता।

नए सहयोगियों पर फोकस

त्यागी ने बताया कि एनडीए में हाल ही में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसी नई पार्टियां शामिल हुई हैं। इनके साथ सीट शेयरिंग पर लगातार चर्चा चल रही है। भाजपा के मुख्य भूमिका वाली अटकलों पर त्यागी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया। पिछले चुनाव जैसी स्थिति ही बरकरार रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा 100 के करीब सीटें लड़ सकती है, जबकि जेडीयू को 90-95 सीटें मिल सकती हैं। चिराग पासवान की पार्टी को 20 सीटों की पेशकश हो रही है, लेकिन जेडीयू इससे असहमत है।

'आई लव मुहम्मद' नारे पर संतुलित रुख

हाल के 'आई लव मुहम्मद' नारे वाले विवाद पर त्यागी ने कहा कि वे इसका विरोधी नहीं हैं। संविधान सभी को अपने धर्म का प्रचार करने की आजादी देता है। लेकिन हिंसा या कानून तोड़ने के वे कतई पक्षधर नहीं। अगर कोई कानून हाथ में लेगा, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

लेह हिंसा पर चिंता, बातचीत की वकालत

लेह में हाल की हिंसा पर त्यागी ने कहा कि वहां हालात सामान्य नहीं हैं। वे हिंसा का समर्थन नहीं कर सकते, लेकिन स्थानीय नागरिकों की समस्याओं—जैसे राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग—के समाधान के लिए केंद्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत जरूरी है। 24 सितंबर को प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें चार लोग मारे गए और 70 से ज्यादा घायल हुए।

भाजपा कार्यालय और वाहनों को आग लगा दी गई। तीन दिन बाद, 26 सितंबर को पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उनके एनजीओ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया। लेह में कर्फ्यू लगा है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। लेह एपेक्स बॉडी ने वांगचुक की गिरफ्तारी की निंदा की है।