
Devuthani Ekadashi: Wedding songs will resonate
चार महीने के विराम के बाद देवउठनी एकादशी पर फिर शादियों का दौर शुरू होगा। साथ ही छोटी दीपावली भी शनिवार को मनाई जाएगी। हालांकि एकादशी शनिवार व रविवार को भी मनाई जाएगी। शनिवार को एकादशी सुबह 9.11 बजे से प्रारम्भ होकर रविवार सुबह 7.31 बजे तक रहेगी। रविवार को एकादशी व द्वादशी तीथी एक दिन होने से तिथि क्षय हो रही है।
शनिवार व रविवार के दिन अबूझ सावा होने के कारण जिले में करीब तीन सौ से ज्यादा शादियां होंगी। बैंड-बाजा, मैरिज होम, कैटरिंग आदि की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। नवंबर व दिसंबर माह में 17 से ज्यादा सावे हैं। देवउठनी के सावे के लिए जिले के करीब 150 मैरिज होम, होटल, धर्मशाला व सामुदायिक भवन पहले ही बुक हो चुके हैं। सभी मैरिज होम को सजाया जा रहा है। बाजारों में खरीदारी का दौर शुरू होने से रौनक नजर आने लगी है, दूल्हा-दुल्हन के लिए कपड़े सहित ज्वैलर्स, इलेक्ट्रिक सामानों की खरीदारी जोरों पर है।
एकादशी का व्रत दोनो दिन
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि देव प्रबोधिनी एकादशी एक नवंबर को सुबह 9.11 बजे से प्रारंभ होकर 2 नवंबर को सुबह 7.31 बजे समाप्त होगी। ऐसे में एकादशी का व्रत-पूजन दोनों ही दिन करना श्रेष्ठ होगा। हालांकि गृहस्थ वर्ग 1 नवंबर को व्रत रखेंगे जबकि वैष्णवजन 2 नवंबर को व्रत करेंगे। एक व दो नवम्बर दोनों ही दिन वैवाहिक मुहूर्त हैं। इस दिन को देवउठनी एकादशी या देवप्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी पर हंस महापुरुष योग, मालव्य योग और नीच भंग राजयोग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो सफलता और समृद्धि का संकेत हैं। व्यास ने बताया कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना व मंत्र जाप से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। दोनों दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह उत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा।
Published on:
01 Nov 2025 09:14 am
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