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रोजगार पर संकट: जिले में तीन दर्जन से अधिक क्रेशर बंद, हजारों श्रमिकों की रोजीरोटी पर संकट

झालावाड़.राज्य सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों के खिलाफ राजस्थान स्टोन क्रेशर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रखी है। इसका सीधा असर श्रमिकों पर पड़ रहा है। जिले में 40 स्टोन क्रेशर और चुनाई पत्थर की लीजें बंद है। हड़ताल औद्योगिक विरोध नहीं बल्कि झालावाड़ की अर्थव्यवस्था, निर्माण गतिविधियों और हजारों मजदूरों की आजीविका से जुड़ा […]

झालावाड़.राज्य सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों के खिलाफ राजस्थान स्टोन क्रेशर एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रखी है। इसका सीधा असर श्रमिकों पर पड़ रहा है। जिले में 40 स्टोन क्रेशर और चुनाई पत्थर की लीजें बंद है। हड़ताल औद्योगिक विरोध नहीं बल्कि झालावाड़ की अर्थव्यवस्था, निर्माण गतिविधियों और हजारों मजदूरों की आजीविका से जुड़ा गंभीर मामला बन गया है। एसोसिएशन ने 2 अगस्त से प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रखी है। ऐसे में जिलेभर में करीब 10 हजार से अधिक मजदूर इन दिनों बेरोजगार हो गए है।

झालावाड़ जिले में स्टोन क्रेशर उद्योग संचालक व चुनाई पत्थर के लीज धारक सरकार के नियमों से खासे परेशान है। स्टोन क्रेशर व्यवसायी शैलेन्द्र यादव ने सरकार को चेताते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जाता, तब तक स्टोन क्रेशर बंद रहेंगे।

पूरी तरह से से लोडिंग बंद-

स्टोन क्रेशर एसोसिएशन ने जिले में क्रेशर जब तक मांग नहीं मानी जाती है, अनिश्चितकालीन बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में निर्माणधीन मकान वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में अभी क्रेशर, गिट्टी, डस्ट, बोल्डर उत्पादन, एवं परिवहन कार्य पूर्णत: बंद कर दिए गए है। ऐसे में आम नागरिकों को स्टॉक से महंगी दर पर गिट्टी व एमसेंड आदि डलवानी पड़ रही है। जिले में पहले जहां 1700 रुपए में एक ट्रॉल गिट्टी मिल रही थी, उसकी दर बढ़ाकर 2500 तक पहुंच गई है।

ये हो रहा हड़ताल का असर-

- जिले की निर्माण गतिविधियां ठप हो गई।

- सार्वजनिक निर्माण, ग्रामीण विकास और निजी प्रोजेक्ट में काम बंद हो गया।

- हड़ताल से राजस्व घाटा बढऩे की आशंका है।

- हजारों श्रमिक के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया।

यह है प्रमुख मांगे

- बार-बार नियमों में बदलाव से उद्योगों में अस्थिरता।

- जिला व विभागीय अधिकारियों की ओर से उत्पीडन करना।

- पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया बेहद धीमी होना।

- छोटे व्यवसायी की आर्थिक संकट में है। सीया ने 6 लाख रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से राशि जमा कराने का आदेश दिया।

- सरकार ने हाल ही में रॉयल्टी दर बढ़ा दी।

- सरकार ने हर खान मालिक को ड्रोन सर्वे कराने के लिए निर्देश दिए है।

- परिवहन विभाग एमनेस्टी स्कीम लाकर ओवरलोड को बढ़ावा दे रहा है।

- वृक्षारोपण के लिए शुल्क जमा कराए जाने के बाद भी अलग से पौधे लगाने को लेकर सीया की ओर से परेशान किया जा रहा है।

घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा

- हर दिन काम करते हैं, उसके बाद ही सप्ताह के सप्ताह पैसे मिलते हैं, तब जाकर घर का खर्चा चलता है। लेकिन जिलेभर में क्रेशर की हड़ताल होने से राजी-रोटी कमाने का संकट हो गया है। सरकार मजदूरों का भी ध्यान रखे। हड़ताल से कई लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं।

रामसिंह क्रेशर मजदूर, झालावाड़।