बारिश थम गई है। हरसी हाई लेवल नहर से किसानों धान के लिए पानी की जरूरत पडऩे लगी है, लेकिन नहर को 12 दिन बाद भी दुरुस्त नहीं किया गया है। इस कारण शीतलपुर चक से लेकर मुरार तक धान की फसल पर संकट आ गया है। इसके अलावा किसान पानी के अभाव में धान की रोपाई भी नहीं कर सके हैं। यदि एक हफ्ते में नहर दुरुस्त नहीं हुई और पानी किसानों तक नहीं पहुंचा तो फसल बर्बाद हो जाएगी।
दरअसल 25 जुलाई से 28 जुलाई के बीच जिले में भारी बारिश हुई। बारिश का पानी हरसी हाई लेवल नहर में आ गया। इससे नहर ओवर फ्लो हो गई। अमरोल के पास आकर नहर टूट गई। नहर का पानी खेतों में जाने से फसल बर्बाद हुई। जल संसाधन विभाग के अधिकारी नहर की स्थिति भी देख आए, लेकिन नहर को दुरुस्त करने के लिए नहीं पहुंचे हैं। किसान नहर को लेकर अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं।
सितंबर 2024 में हुई बारिश के कारण नहर टूट गई थी। नहर टूटने के बाद गर्मियों में सुधारा गया, लेकिन मरम्मत में ध्यान नहीं दिया गया। नहर की बंड को ऊंचा नहीं किया। कंक्रीट करके छोड़ दिया गया। बंड की ऊंचाई नहीं बढाई। दुबारा पानी आने पर अमरोल में पुरानी जगह पर ही नहर टूट गई।
- नहर बंद होने से करीब 50 गांव प्रभावित हो गए हैं। माइनर नहर में पानी नहीं है। किसान के पास सिंचाई का दूसरा विकल्प भी नहीं है।
निरीक्षण करेंगे
- हरसी नहर को जोडऩे की कार्रवाई चल रही है। 15 अगस्त से पहले से पहले दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वरिष्ठ अधिकारी भी निरीक्षण के लिए नहर पर जा रहे हैं।
पंकज सेंगर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन
Published on:
07 Aug 2025 10:21 pm