Traders were required to declare their wheat stocks within 15 days, the deadline for declaring stocks had passed.
त्योहार का सीजन आ गया है। जमाखोरी से गेहूं सहित अन्य राशन सामग्री के दाम बढऩे लगे हैं। आटा व गेहूं के दाम नियंत्रण में रह सके, उसके लिए केंद्र सरकार ने व्यापारियों के गेहूं रखने की स्टॉक लिमिट निर्धारित की थी। 15 दिन के भीतर व्यापारी को शासन द्वारा निर्धारित लिमिट में स्टॉक लाना था और उसकी घोषणा केंद्र सरकार के पोर्टल पर करना था। अवधी भी निकल चुकी है, लेकिन जमाखोरी रोकने का आदेश कागजी रहा है। न शासन से जमाखोरों के नाम आए हैं और न जांच के आदेश मिले हैं। इधर दाम बढऩे शुरू हो गए हैं। गेहूं भाव 3000 रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है। खुले आटे का भाव 40 से 45 रुपए पहुंच गया है और पैकेट के आटे के भाव 48 रुपए किलो है। अब दीपावली का त्योहार आ रहा है। इसमें महंगाई बढ़ सकती है।
दरअसल वैसे जिले में 20 लाख क्विंटल गेहूं का उत्पादन होता है। 2025 में 8 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद सरकारी केंद्रों पर हुई थी। करीब 12 लाख क्विंटल गेहूं व्यापारियों ने खरीदा था। सबसे ज्यादा खरीद डबरा मंडी में हुई थी। व्यापारियों ने स्थानीय गोदामों में गेहूं जमा कर दिया और बाहर भी भेज दिया। मई से गेहूं के रेट में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी। इसके चलते केंद्र सरकार ने 27 मई को प्रतिबंधित आदेश जारी करते हुए स्टॉक लिमिट निर्धारित कर दी। इससे रेट नीचे नहीं आए। 26 अगस्त को नई अधिसूचना जारी कर स्टॉक निर्धारित किया है। जमा खोरी रोकने के लिए दो आदेश निकल चुके हैं, लेकिन जमाखोरी का आंकड़ा सामने नहीं आया है।
2024-25 में गेहूं के भाव 3200 रुपए क्विंटल तक पहुंच गए थे। गेहूं पर आ रही महंगाई को देखते हुए स्टॉक लिमिट निर्धारित की। मार्च में नई फसल आने पर व्यापारी गेहूं नहीं खरीद रहे थे। इस कारण भाव नीचे आ गए थे। 31 मार्च 2025 को स्टॉक लिमिट को हटा दिया था। लिमिट हटने के बाद व्यापारियों ने गेहूं की खरीद की। इस कारण गेहूं के भाव मंडी में 2200 रुपए से 2300 रुपए क्विंटल के बीच आ गए थे।
- जिले में पीडीएस के तहत 11.55 लाख लोगों को गेहूं व चावल दिया जा रहा है। सरकार ने गेहूं की मात्रा बढाई है। एक व्यक्ति को पांच किलो राशन मिलता है। अब 75 फीसदी गेहूं मिलेगा और 25 फीसदी चावल दिया जाएगा। पीडीएस में जो गेहूं मिलता है, उससे एक व्यक्ति का पूरा महीना नहीं निकलता है और उसे गेहूं या आटा खरीदना पड़ता है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने 2024 में एक बार ही जांच की थी। एक मिलर के यहां 83 लाख रुपए का गेहूं जब्त किया गया था। इसके बाद उसका प्रकरण न्यायालय में पेश किया था। व्यापारी ने पोर्टल पर स्टॉक न घोषित करने की गलती स्वीकार की। उसे चेतावनी देते हुए छोड़ा गया।
- जिले में 264 थोक व खेरीज व्यापारी हैं, जो गेहूं सहित अन्य राशन का व्यापार करते हैं। सरबती गेहूं का रेट 4500 रुपए क्विंटल से अधिक है। जबकि लोकमन सहित अन्य वैरायटी के गेहूं का रेट 2700 से 3000 रुपए क्विंटल के बीच है।
श्रेणी 27 मई 2025 26 अगस्त 2025
- थोक व्यापारी- 3000 मीट्रिक टन 2000 मीट्रिक टन
- रिटेलर- 10 मीट्रिक टन 8 मीट्रिक टन
-विग चेन रिटेलर- 10 मीट्रिक (10 दुकानें होनी चाहिए) 8 मीट्रिक टन (दुकानों 8 होना चाहिए)
मिलर क्षमता 70 फीसदी स्टॉक रख सकता है क्षमता 60 फीसदी रख सकता है
(नोट- 1 मीट्रिक टन में 10 क्विंटल होता है।)
मंडी में गेहूं की आवक की स्थिति
डबरा- 2400 क्विंटल
लश्कर-200.81 क्विंटल
भितरवार-100 क्विंटल
- व्यापारियों के गेहूं की स्टॉक सीमा निर्धारित की है। 26 अगस्त से 15 दिन के भीतर स्टॉक निर्धारित सीमा में लाना था। शासन स्तर से अभी जानकारी नहीं भेजी गई है कि किस व्यापारी ने अपना स्टॉक घोषित नहीं किया है।
अरविंद भदौरिया, जिला आपूर्ति नियंत्रक
Published on:
17 Sept 2025 10:53 am
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