
The case of encroachment on Satya Narayan Tekdi
हाईकोर्ट की युगल पीठ में राज्य शासन ने जवाब दिया कि 4 सदस्यी कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सत्यनारायण टेकड़ी के सौंदर्यीकरण व अतिक्रमण हटाने के संबंध में 4 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी। कोर्ट ने शासन को आदेश दिया कि टेकड़ी पर अतिक्रमण रोका जाए। मंदिर पर जनकगंज थाने के प्रभारी गस्त करें, देखें कि वहां पर कोई असामाजिक तत्व नहीं जुट रहे हैं। याचिका की सुनवाई अक्टूबर में होगी।
दरअसल चीफ जस्टिस के आदेश पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया गया। अदालत में राज्य सरकार ने स्थिति रिपोर्ट पेश की और बताया कि टेकड़ी पर अतिक्रमण कर बेतरतीब निर्माण कर लिया गया है। कभी हरियाली से आच्छादित यह पहाड़ी अब "सभ्यता के अतिक्रमण" का शिकार हो चुकी है। हस्तक्षेपकर्ताओं (इंटरवीनर) ने दलील दी कि टेकड़ी का क्षेत्र अपराधियों की शरणस्थली बन चुका है। यहां गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियां चल रही हैं, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि कानून-व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने जिला प्रशासन, नगर निगम, वन विभाग और पुरातत्व विभाग को मिलकर 15 दिनों के भीतर व्यापक विकास और संरक्षण योजना तैयार करने को कहा। साथ ही, पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था मजबूत करने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। टेकड़ी के संबंध में 4 सदस्यीय कमेटी बना दी है।https://www.patrika.com/jabalpur-news/mp-high-court-important-decision-on-abortion-19929296
Published on:
09 Sept 2025 10:55 am
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