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मेडिकल कॉलेज में ही होना चाहिए इलाज, जनप्रतिनिधि जोर लगाएं तो बनेगी बात

-पत्रिका ने शहर के प्रबुद्ध जनों से की चर्चा, सभी की राय लगभग एक, जिला अस्पताल के उन्नयन की कही बात

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दमोह

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Aakash Tiwari

Sep 15, 2025


पत्रिका लगातार
दमोह. शहर से सटे बरपटी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज आकार ले रहा है। २०२६ में भवन बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन यहां पर चिकित्सीय सुविधाएं मरीजों को नहीं मिलेगी। इसको लेकर पत्रिका ने प्रबुद्ध जनों से उनकी राय ली है। लगभग सभी ने जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को अलग-अलग रखने की बात कही है। बता दें कि ३० एकड़ जमीन पर बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेज में अस्पताल भवन नहीं बनाया जा रहा है। पीआइयू के अधिकारियों की माने तो प्रोजेक्ट में अस्पताल भवन शामिल नहीं है। इधर, प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स जिला अस्पताल में सेवाएं देंगे।

वर्शन

अभी मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग बनकर तैयार नहीं हुई है। यदि प्रशासन ने अस्पताल भवन के लिए जगह आरक्षित कर रखी है तो जैसे सिंगरौली में हुआ है। वैसा दमोह में भी होना चाहिए। शासन से बजट की मांग करना चाहिए, ताकि साथ में अस्पताल बन सके।

अजयदीप मिश्रा, एडवोकेट

जनप्रतिनिधि यदि थोड़ा जोर लगाए तो उनके प्रयास पूरी तरह से सफल रहेंगे। लंबे समय बाद मेडिकल कॉलेज की सौगात जिले के मरीजों को मिल रही है। मेडिकल कॉलेज में इलाज शुरू होने से गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा और मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा।

डॉ. अमित जैन, फिजिशियन

मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज शुरू होने का इंतजार सभी को है। जिला अस्पताल को अलग ही रहना चाहिए। इससे गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज मिलेगा और यहां के डॉक्टर्स पर लोड भी कम होगा और मेडिकल छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी।

दीपक सिंघानियां, अध्यक्ष भारत विकास परिषद

मेडिकल कॉलेज के हिसाब से जिला अस्पताल नहीं है। ओपीडी बहुत छोटी है। पैथोलॉजी में लंबी-लंबी कतारें लगती है। यहां पर मेडिकल कॉलेज संचालित होना मुश्किल है। प्रशासन को जमीनी स्तर पर इसका परीक्षण करना चाहिए।

अमिताभ शुक्ला, स्थानीय निवासी