दमोह. तापमान में उतार-चढ़ाव जारी है। इससे वायरल का प्रकोप बढऩे लगा है। खांसी, जुकाम, वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। जिला अस्तपाल की ओपीडी में रोजाना चार सौ से ज्यादा बीमार इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जनरल मेडिसिन की ओर से मरीजों की जांच भी कराई जा रही है। इसमें रोजाना आठ से दस मरीज मलेरिया के लक्षण वाले भी आ रहे हैं। इमरजेंसी में रोजाना करीब 25 मरीज वायरल फीवर से परेशान होने पर भर्ती किए जा रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग सभी बुखार, जुकाम और खांसी की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. प्रहलाद पटेल ने बताया कि मौसम में उतार चढ़ाव हैं। इस कारण से रोगी बढ़े हैं।
-प्रतिदिन 350 मरीजों की हो रहीं जांचें
ओपीडी में मरीज बढऩे के कारण लैब में भी जांचें बढ़ गई हैं। रोजाना 300 से 350 मरीजों की जांच की जा रही है। मंगलवार को भी 3४3 मरीजों की जांच की गई। इसमें से 150 से अधिक की मलेरिया की जांच भी हुई। हालांकि रिपोर्ट सभी की निगेटिव बताई है। फिलहाल जांच में डेंगू के मरीज नहीं मिल रहे हैं।
-टोकन सिस्टम फिर खराब, मरीजों की बढ़ी परेशानी
इधर, जिला अस्पताल में टोकन सिस्टम मरीजों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। २०० पर्ची बनने के बाद डिस्प्ले बोर्ड बंद हो जाता है। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बाद के मरीजों को टोकन नंबर नहीं दिए जाते। इस असुविधा से निजात दिलाने के लिए प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा रहा है। मंगलवार को पत्रिका ने जब ओपीडी का जायजा लिया तो दोपहर १२ बजे ही टोकन डिस्प्ले बोर्ड बंद था। मरीज अपनी पारी का इंतजार में हैरान-परेशान नजर आए।
-नालियों में जमा पानी, फिर भी बेपरवाह जिम्मेदार
वायरल बुखार के मरीज दिनों दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक भी घरों के आसपास गंदा पानी हटाने की सलाह दे रहे हैं। इसके उल्ट में शहर में कई स्थानों पर नालियों में जल जमाव बना हुआ है। घंटाघर, बस स्टैंड चौराहे तक पूरी सड़क के किनारे पानी भरा है और गलियों में स्थिति बदतर है। इसके बाद भी न तो साफ सफाई कराई जा रही है और न ही छिड़काव हो रहा है। मलेरिया से बचाव के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।
-उबले पानी का सेवन करें
उमस बढऩे और मच्छरों के प्रकोप से वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। सर्दी जुकाम और बुखार से पीडि़त मरीज पानी उबालकर छानकर प्रयोग करें। अपने आसपास सफाई रखें, पानी जमा न होने दें। रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें। दवाएं भी चिकित्सक की सलाह से खाएं।
वर्शन
टोकन नंबर तो दिए जा रहे हैं। यदि डिस्प्ले बोर्ड बंद हो रहा है तो मैं दिखवा लेता हूं।
डॉ. प्रहलाद पटेल, सिविल सर्जन दमोह
Published on:
06 Aug 2025 11:20 am