8 अगस्त 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Jawai Dam Canal: जवाई बांध नहर के पुराने दिन लौटने की उम्मीद, 90 लाख रुपए से बनेगी DPR

नहर के मार्ग में 5 स्टारेज डिग्गी से 1000 एमसीएफटी पानी सहेजने की योजना है। जो पाली जिलेवासियों की करीब 4 माह तक प्यास बुझा सकता है।

पाली

Rakesh Mishra

Aug 07, 2025

Jawai Dam Canal
एआई तस्वीर

पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाई से पाली से जोधपुर जाने वाली जवाई नहर के पुराने दिन फिर लौट सकते हैं। जब इससे जवाई बांध से बहता हुआ पानी जोधपुर तक जाता था। जवाई से 140 किमी का सफर तय करने पर जवाई के पानी से पाली के साथ कई गांवों में जलापूर्ति के साथ सिंचाई भी होती थी। इस नहर को जोधपुर तक फिर से जीवित करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाएगी।

इसके लिए 90.89 लाख की स्वीकृति सिंचाई विभाग को जारी की है। इस नहर से आपातकाल व संकट के समय जोधपुर तक पानी ले जाने के साथ जगह-जगह पानी का भी संग्रहण करना प्रस्तावित है, जिससे जवाई बांध पर निर्भरता को थोड़ा कम किया जा सके। नहर के मार्ग में 5 स्टारेज डिग्गी से 1000 एमसीएफटी पानी सहेजने की योजना है। जो पाली जिलेवासियों की करीब 4 माह तक प्यास बुझा सकता है।

जवाई बांध का पुनर्भरण

जवाई नहर में पुनर्भरण का प्रयास गुजरात व राजस्थान सरकार मिलकर कर रही है। जवाई प्रोजेक्ट को पूरा करने के बाद पानी को जवाई से जोधपुर तक लाया जाएगा। इससे पाली जिले व जोधपुर जिले के गांवों में पेयजल के साथ कृषि और उद्योगों को भी पानी मिलने लगेगा। यह पानी भी पुनर्भरण के बाद व्यर्थ बहकर जाने वाला होगा।

भरे जाएंगे तालाब

इस नहर में व्यर्थ बहनकर जाने वाले पानी को लाया जाएगा। डिग्गियों के साथ गांवों के तालाबों व छोटे बांधों को भरा जाएगा। जिससे उनका पानी स्थानीय स्तर पर पेयजल के उपयोग हो सके। गांवों के जलाशयों के आस-पास के कुएं रिचार्ज हो सके।

ये बताए जा रहे लाभ

पेयजल का यह वैकल्पिक स्रोत पाली और जोधपुर शहर के लिए फायदेमंद होगा। जोधपुर और पाली जिलों के बीच नहर के किनारे हरियाली होगी। परियोजना से स्थानीय जल निकायों को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सकेगी। पर्यावरण और भूजल पुनर्भरण में सुधार होगा।

यह वीडियो भी देखें

डीपीआर बनवाएंगे

जवाई नहर की हम डीपीआर बना रहे हैं। यह कार्य डिपोजिट वर्क के तहत किया जा रहा है। यह नजर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की है।
रामनारायण चौधरी, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, पाली