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साल में छह माह ही चलेंगे ईंट भट्टे, श्रमिक हो जाएंगे बेरोजगार!

प्रदेश में 1 जनवरी से 30 जून तक ईंट भट्टे चलाने के आदेश

पाली

Rajeev Dave

Mar 10, 2025

Brick kilns
जैतारण क्षेत्र का एक ईंट भट्टा।

प्रदेश में ईंट के भट्टों पर काम करने वाले श्रमिकों पर मौसमी बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है। कारण है साल के 8 से 9 माह तक चलने वाले ये ईंट भट्टे अब 1 जनवरी से 30 जून तक ही चलेंगे। 1 जुलाई से 31 दिसम्बर तक ईंटें बनाने का कार्य नहीं होगा।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) की ओर से ईंट भट्टों के संचालन को लेकर आदेश जारी किया है। जिसके तहत प्रदेश में ईंट भट्टों का संचालन साल में सिर्फ छह माह तक किया जा सकेगा। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में चार से पांच हजार ईंट भट्टें है। पाली जिले में ही करीब 50 ईंट भट्टे चल रहे है। इनमें से प्रत्येक भट्टे से प्रत्यक्ष रूप से 20 से 25 लोगों के घरों में चूल्हा जलता है। इन भट्टों पर प्रदेश के लोगों के साथ उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश तथा बिहार आदि राज्यों के श्रमिक भी कार्य करते है। जिनके सामने छह माह तक बेरोजगारी का संकट गहरा गया है।

एनजीटी की ओर से दिए आदेश

ईंट भट्टों को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से निर्देश दिए है। जिसके तहत 24 जनवरी 2024 को बड़े समूहों में चल रहे ईंट भट्टों को नियंत्रित करने का आदेश थे। इसके बाद बाद ईंट भट्टा संघों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए फायरिंग अवधि सीमित करने का प्रस्ताव रखा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से 22 जनवरी 2025 को कार्यशाला हुई। जिसमें ईंट भट्टा संचालन की अवधि छह माह करना तय किया गया। जिसके तहत जुलाई से दिसंबर तक भट्टों की आग लगाना पूरी तरह बंद रहेगा।

बढ़ सकते हैं ईंटों के दाम

ईंट भट्टों के संचालन पर प्रतिबंध से राज्य में चल रहे निर्माण कार्य प्रभावित होंगे। निर्माण कार्यों में ईंटों की मांग तो पूरे साल रहती है। अब निर्माण छह माह होने से मांग व आपूर्ति का संतुलन बिगड़ सकता है। जिससे ईंटों के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

एनजीटी का फैसला

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशों के तहत ईंट भट्टे 1 जनवरी से 30 जून तक ही चल सकेंगे। उसके बाद जुलाई से दिसम्बर तक बंद रखे जाएंगे।

अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पाली