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Raksha Bandhan 2025: राजस्थान की रोडवेज बसों में महिलाओं ने की नि:शुल्क यात्रा, पैर रखने की नहीं मिली जगह

भाई की कलाई पर सजा बहना का प्यार, उल्लास से मनाया गया रक्षा बंधन पर्व

पाली

Suresh Hemnani

Aug 09, 2025

Raksha Bandhan 2025 : राजस्थान की रोडवेज बसों में महिलाओं ने की नि:शुल्क यात्रा, पैर रखने की नहीं मिली जगह
पाली के नया बस स्टैंड पर पहुंची रोडवेज बस में सवार होती महिलाएं।

Raksha Bandhan 2025: पाली। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन पर 100 साल बाद शनिवार को बिना भद्रा व पंचके के मनाया गया। भाई अपनी बहनों से कलाई पर रक्षा सूत्र बंधवाकर इठालाए तो बहनें भाइयों की कलाई सजाकर फूली नहीं समाई। कई लोगों ने राखी बंधवाने से पहले ठाकुरजी को राखी बंधवाई।

रक्षा बंधन को लेकर जिले में सुबह से ही उत्साह का माहौल रहा। बहनें सज-धज कर कुमकुम, मोली, श्रीफल, मिष्ठान, चावल व राखी आदि थाली में सजाकर भाइयों के घर पहुंची। वहां भाई-भाभी सहित परिजनों ने उनका स्वागत किया। बहनों ने रोली-तिलक लगाकर भाइयों की आरती उतारी और मुंह मीठा कराकर रक्षा सूत्र बांधा। भाइयों ने उपहार देकर उनका जीवन भर साथ निभाने का वादा किया। भाभी ने अपनी नणदों को भाई के साथ भोजन करवाया। माता-पिता ने बेटी का लाड लडाया।

जन्माष्टमी तक बंधेगी राखी

राखी बांधने का सिलसिला रक्षाबंधन कृष्ण जन्माष्टमी तक जारी रहता है। जो बहनें किसी कारणवश रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पातीं, वह जन्माष्टमी तक इस त्योहार को मनाती है। माहेश्वरी समाजबंधु ऋषि पंचमी पर रक्षा बंधन का पर्व मनाएंगे। कई समाजों में हरितालिका तीज और अन्य दिन भी रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा।

भोर होते ही उमड़े ग्राहक

रक्षाबंधन पर मिठाई कारोबार में खासा इजाफा देखने को मिला। मिठाई की कई बड़ी दुकानों के संचालकों ने सुबह सात बजे से पहले ही प्रतिष्ठान खोले। इसके साथ ही मिष्ठान की बिक्री शुरू हुई। जो दोपहर बाद तक जारी रही। कई मिष्ठानों की दुकानों पर तो दोपहर तक मिष्ठान समाप्त हो गए। इसके साथ ही किराणे की दुकानों पर श्रीफल की बिक्री अधिक रही।

बसों में नहीं रही पैर रखने की जगह

रक्षा बंधन पर महिलाओं के लिए राजस्थान रोडवेज में सफर नि:शुल्क होने के साथ भाइयों से मिलने की चाह में सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं रोडवेज बस स्टैण्ड पर पहुंची। बसों में पैर रखने की जगह नहीं रही। रोडवेज में जगह नहीं मिलने पर कई बहनें निजी बसों में किराया देकर भी भाइयाें के घर पहुंची। रेलगाडि़यों में भी रक्षा बंधन पर कोच फूल रहे।