बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को शिक्षकों के तबादलों को लेकर उठ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बड़ा आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि जिन शिक्षकों को हाल ही में हुए अंतर-जिला तबादलों में दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें अपनी पसंद के 3 जिलों का विकल्प देने का मौका मिलेगा। शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि इन विकल्पों पर विचार करते हुए शिक्षकों की पोस्टिंग उन्हीं जिलों या उनके आसपास के क्षेत्रों में की जाए।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा- शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर विभिन्न स्रोतों से सुझाव मिल रहे हैं। इसकी समीक्षा के क्रम में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अंतर-जिला स्थानांतरण से संबंधित शिक्षकों से 3 जिलों के विकल्प लिए जाएं, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनकी पोस्टिंग की जाए।
इसके साथ ही जिलों के अंदर शिक्षकों की पोस्टिंग 1 जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी ताकि शिक्षकों को संभवतः उनकी पसंद के प्रखंड या नजदीकी क्षेत्रों में ही तैनात किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सभी शिक्षकों से निवेदन है कि वे इस विषय को लेकर चिंतित हुए बिना बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने शिक्षक भर्ती में भी बड़े बदलाव की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि आने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षाओं TRE-4 (2025) और TRE-5 (2026) में बिहार के स्थानीय (डोमिसाइल) उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए नियमों में जरूरी संशोधन का आदेश भी शिक्षा विभाग को दे दिया गया है।
नीतीश कुमार ने लिखा-नवंबर 2005 में सरकार के गठन के बाद से हम लगातार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और अब बिहार के निवासियों को प्राथमिकता देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। TRE-5 से पहले राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) भी होगी, जिससे योग्य स्थानीय उम्मीदवारों को ज्यादा मौके मिल सकें। सरकार के ये प्रयास बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
Published on:
07 Aug 2025 04:56 pm