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Bihar Cabinet: गृह विभाग की चाबी अब सम्राट चौधरी के हाथ, जानिए बिहार के गृह मंत्री के पास क्या-क्या अधिकार

Bihar Cabinet: सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग की कमान किसी और नेता को दी है। अब भाजपा नेता सम्राट चौधरी के पास गृह विभाग की कमान होगी। जानिए बिहार में गृह मंत्री के पास क्या-क्या अधिकार होते हैं। 

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 21, 2025

bihar cabinet- samrat chaudhary

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (फोटो - X @narendramodi)

Bihar Cabinet: बिहार की नई NDA सरकार में सबसे बड़ा पावर शिफ्ट हुआ है। 20 साल में पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग का जिम्मा डिप्टी चीफ मिनिस्टर सम्राट चौधरी को सौंप दिया है। अब, बिहार में लॉ एंड ऑर्डर से लेकर इंटेलिजेंस तक, हर बड़ी फाइल मुख्यमंत्री हाउस से नहीं, बल्कि सम्राट चौधरी के ऑफिस से आएगी। इस पद के साथ सम्राट चौधरी राज्य में BJP के अब तक के सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं। नीतीश कुमार ने उनके साथ सबसे लंबे समय तक डिप्टी सीएम रहे उनके मित्र और भाजपा नेता दिवंगत सुशील कुमार मोदी को भी कभी गृहमंत्री नहीं बनाया था।

बिहार के होम मिनिस्टर के पास कौन-कौन सी बड़ी पावर्स हैं?

  1. राज्य के लॉ एंड ऑर्डर पर पूरा कंट्रोल

राज्य में क्राइम, दंगे, हिंसा और टेंशन पर आखिरी फैसला होम मिनिस्टर ही लेते हैं। सम्राट चौधरी अब तय करेंगे कि पुलिस फोर्स कब भेजनी है और कब सेक्शन 144 लगानी है।

  1. पुलिस डिपार्टमेंट पर कमांड

DGP से लेकर पुलिस स्टेशन लेवल तक का पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन होम मिनिस्टर के कंट्रोल में है। पुलिस पोस्टिंग और ट्रांसफर, स्पेशल टीम और SIT बनाना, ये सब होम मिनिस्ट्री की मंजूरी से होता है।

  1. इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट पर कंट्रोल

राज्य की स्पेशल ब्रांच और इंटेलिजेंस यूनिट सीधे होम मिनिस्टर को रिपोर्ट करती है। भीड़भाड़ वाले त्योहारों, VIP मूवमेंट या दंगों की संभावना से जुड़े सभी इनपुट सबसे पहले सम्राट चौधरी तक पहुंचेंगे।

  1. बड़ी क्रिमिनल घटनाओं की मॉनिटरिंग

होम मिनिस्टर सीधे मॉब लिंचिंग, गैंग वॉर, हाई-प्रोफाइल मर्डर और चुनावी हिंसा पर प्रोग्रेस रिपोर्ट मांग सकते हैं। जरूरत पड़ने पर वह खुद अलग-अलग पुलिस यूनिट्स को डायरेक्ट करते हैं।

  1. जेल एडमिनिस्ट्रेशन का कंट्रोल

जेल सिक्योरिटी, कैदी मैनेजमेंट और हाई-रिस्क क्रिमिनल्स का ट्रांसफर, ये सभी होम डिपार्टमेंट के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। जेल सुधार पॉलिसी भी यहीं से तय होती हैं।

  1. VIP सिक्योरिटी पर आखिरी अधिकार

किस नेता, मंत्री या अधिकारी को किस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी, इसका आखिरी फैसला होम मिनिस्टर ही करते हैं। सिक्योरिटी बढ़ाने या घटाने का फैसला पूरी तरह से होम मिनिस्टर की मंज़ूरी से ही होता है।

  1. दंगा कंट्रोल और राहत ऑपरेशन की कमान

अगर किसी जिले में सांप्रदायिक तनाव बढ़ता है, तो होम मिनिस्टर के पास तुरंत RAF, STF, BSAP या एक्स्ट्रा फोर्स भेजने का अधिकार होता है।

  1. त्योहारों और बड़े इवेंट्स के लिए सिक्योरिटी प्लान

होम डिपार्टमेंट छठ, कांवड़ यात्रा, बकरीद और मुहर्रम के लिए भीड़ कंट्रोल और सिक्योरिटी प्लान तैयार करता है। इस बार, सम्राट चौधरी की टीम ही इसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार होगी।

  1. माफिया के खिलाफ कार्रवाई और प्रॉपर्टी ज़ब्त करना

भू-माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया और गैंगस्टर के खिलाफ बड़े ऑपरेशन होम डिपार्टमेंट करता है। किसकी प्रॉपर्टी ज़ब्त की जाएगी, इसकी फाइल अब डिप्टी चीफ मिनिस्टर के पास जाएगी।

  1. इमरजेंसी कानून और स्पेशल ऑर्डिनेंस

होम डिपार्टमेंट राज्य सुरक्षा कानूनों, जेल मैनुअल, पुलिस एक्ट और दंगा कंट्रोल से जुड़ी फाइलें तैयार करता है। यह बड़े कानूनी बदलावों का पहला ड्राफ्ट भी तैयार करता है।

कानून-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद

सम्राट चौधरी को गृह मंत्री बनाए जाने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में कानून-व्यवस्था में तेजी से सुधार होगा। भाजपा के इस कद्दावर नेता के नेतृत्व में अब अपराध नियंत्रण को शीर्ष प्राथमिकता बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि सम्राट चौधरी ठोस और प्रभावी कदम उठाकर अपराध ग्राफ को कम करने में सक्षम होंगे।

सम्राट चौधरी का राजनीतिक सफर

सम्राट चौधरी का राजनीतिक सफर भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन भाजपा में आने के बाद उनकी प्रगति असाधारण रही है। उन्होंने 1990 में राजद से राजनीति शुरू की और 1999 में 25 वर्ष से कम उम्र होने के विवाद के बावजूद राबड़ी देवी सरकार में कृषि मंत्री बने। 2017-2018 में भाजपा का दामन थामने के बाद, वे तेजी से बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पैतृक सीट तारापुर से 1,22,480 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। अब गृह विभाग मिलने के बाद वे पार्टी और सत्ता दोनों में शीर्ष भूमिका में हैं।


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