Bihar Assembly Elections बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के कई प्रमुख नेताओं का बिहार में लगातार दौरा जारी है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के सीतामढ़ी समेत तिरहुत मंडल में पड़ने वाले 6 जिलों की 49 सीटों को साधेंगे। 49 में 27 पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। इन 6 जिलों में सीतामढ़ी के अलावा मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण (मुख्यालय बेतिया में), पूर्वी चंपारण (मुख्यालय मोतिहारी में), वैशाली (मुख्यालय हाजीपुर में) और शिवहर शामिल हैं। पीएम मोदी मोतिहारी में अपनी सभा कर यहां के वोटरों को गोलबंद करने का प्रयास किया था। आज अमित शाह सीतामढ़ी में अपनी सभा से एक बार फिर अपने इस किला को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे। अमित शाह की कोशिश होगी की 2020 वाला प्रदर्शन से और बेहतर 2025 में प्रदर्शन किया जाए।
पीएम मोदी 18 जुलाई को तिरहुत मंडल के (पूर्वी चंपारण) का दौरा किया था। पीएम मोदी की सभा के बाद अमित शाह की आज सभा है। अमित शाह तिरहुत मंडल के सीतामढ़ी से बिहार के 6 जिलों की 49 सीटों को साधेंगे। अमित चाहते हैं कि बीजेपी के गढ़ में 2020 से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन 2025 में प्रदर्शन करे। ऐसा हुआ तो एनडीए के लिए सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जायेगा। एनडीए का मुजफ्फरपुर जिले के 11 में से 6 सीटों पर कब्जा है। 2020 में बोचहां सीट पर मुकेश सहनी की पार्टी का कब्जा है। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी वर्ष 2020 का विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर लड़ी थी। VIP के मुसाफिर पासवान को यहां से जीत मिली थी, लेकिन बाद में उनका निधन हो गया और उनके बेटे राष्ट्रीय जनता दल में चले गए और वहीं से 2022 के उपचुनाव में जीत हासिल की।
इसी प्रकार से पश्चिमी चंपारण जिला के 9 विधानसभा सीट में 8 पर बीजेपी का कब्जा है। इसमें से 7 सीटों पर बीजेपी तो एक सीट पर उसके सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का प्रत्याशी विजयी हुए थे। यह क्षेत्र बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन को एकमात्र जीत सिक्ता सीट पर सीपीआई-एमएल प्रत्याशी को जीत मिली थी। इससे सटे पूर्वी चंपारण जिले में 12 में से 9 सीटों पर एनडीए का कब्जा है। इन 9 में से 8 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी विजयी रहे, एक सीट जेडीयू के खाते में गई तो 3 सीटों पर आरजेडी ने अपनी जीत का परचम लहराया है। बीजेपी यहां पर अपना जीत का दर बढ़ाना चाह रही है।
वैशाली लालू प्रसाद का गढ़ माना जाता है। यह क्षेत्र यादव बाहुल्य क्षेत्र है। इसी कारण से इसे लालू यादव का गढ़ कहा जाता है। यहां की 8 विधानसभा सीट में चार पर एनडीए और चार पर महागठबंधन का कब्जा है। एनडीए की 4 सीटों में से 3 पर बीजेपी को जीत मिली, जबकि आरजेडी को भी 3 सीटों पर। दो सीट दोनों दल के सहयोगी दलों को को मिली थी। आरजेडी नेता और महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव यहां की राघोपुर सीट से 2020 का चुनाव जीते थे। 2025 में वे इस सीट पर अपनी जीत की हैट्रिक लगाना चाहते हैं। यहीं से उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी कई बार चुनाव जीत चुकी हैं।
सीतामढ़ी के 8 में से 6 सीटों पर एनडीए का कब्जा है। 6 में से 4 सीट पर बीजेपी का अकेले कब्जा है। दो पर एनडीए घटक दलों को सफलता मिली थी। यहां पर महागठबंधन को 8 में से मात्र 2 सीटों पर जीत मिली थी। यह दोनों सीट आरजेडी के खाते में गई थी। शिवहर जिले की एकमात्र सीट पर 2020 के चुनाव में महागठबंधन के टिकट पर आरजेडी प्रत्याशी चेतन आनंद विजयी हुए थे। लेकिन वे बाद में जेडीयू में शामिल हो गए. जिससे यह सीट एनडीए के खाते में चली गई।
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 110 सीटों पर यहां अपने प्रत्याशी उतारे थे। 110 में बीजेपी के 74 सीटों पर विजयी हुए थे। बीजेपी 2025 में अपने जीत का ग्राफ को बढ़ाना चाह रही है। इसको लेकर वो अपने मजबूत किला को और मजबूत करना चाह रही है। बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में सरकार चलाने वाली जनता दल यूनाइटेड को चुनाव में बड़ा झटका लगा था। जदयू 71 से घटते हुए वह 43 सीटों पर सिमट गई थी। बीजेपी को इन 74 में से 27 सीटों पर जीत इसी तिरहुत मंडल से मिली थी। 49 सीटों में से बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को 33 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी ने इन 33 में से अकेले 27 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी।
Updated on:
08 Aug 2025 12:01 pm
Published on:
08 Aug 2025 12:00 pm