kal ka mausam (photo-AI)
Kal ka Mausam: बिहार में मौसम अब थोड़े खेल-खेल में लग रहा है। सुबह-शाम ठंडक, दिन में धूप और कभी-कभी अचानक बारिश, लगता है जैसे मौसम खुद भी चुनाव के हिसाब से मूड बदल रहा हो। पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त बारिश ने लोगों की छतें, सड़कें और खेतों की हालत दोनों खराब कर दी है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पूर्वी बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जो समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर काम कर रहा है। इसके कारण भागलपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, औरंगाबाद और नवादा जैसे जिलों में 8 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के आसार हैं। मौसम विभाग ने चेताया है कि इन इलाकों में तेज हवाओं और वज्रपात की संभावना भी बनी हुई है। खासकर किसानों और उन लोगों के लिए जो नदियों और नालों के किनारे रहते हैं, यह समय सतर्क रहने का है।
मौसम में बदलाव के साथ बिहार में गुलाबी ठंड महसूस होने लगी है। सुबह और शाम का समय अब ठंडा होने लगा है, जो स्पष्ट संकेत है कि राज्य में सर्दियों की दस्तक शुरू हो चुकी है। 8 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 23 से 26 डिग्री तक गिर सकता है। दिन में धूप खिलने से तापमान में 2 से 4 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन रात में हल्की ठंड से लोगों को मौसम में बदलाव का अहसास होगा। मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि सुबह-शाम घर से निकलते समय हल्की जैकेट या स्वेटर पहनना उचित रहेगा।
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8 अक्टूबर की रात और 9 अक्टूबर की सुबह तक कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक बनी रहेगी। 9 अक्टूबर से मौसम शुष्क होना शुरू होगा और दिन में धूप खिलने से तापमान में वृद्धि होगी। हालांकि, सुबह और शाम में ठंडक बनी रहेगी। राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाएं चल सकती हैं। गयाजी, कैमूर, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सीवान जिलों में वज्रपात की संभावना जताई गई है। प्रशासन और स्थानीय निकायों ने निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने किसानों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश और नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण खेतों में जलभराव का खतरा है। इससे धान, आलू, सब्जी और मोटे अनाज की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। किसानों को अपने खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने और नालियों की सफाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, खेतों में काम करने वाले मजदूरों को तेज हवा और गरज-चमक से बचाव के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बारिश के चलते फसलें और खेतों में पानी जमा होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी एहतियाती कदम उठाए हैं।
लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ा है, जिसके कारण सुपौल जिले के छह प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। यहाँ लगभग 5 हजार घरों में पानी भर गया है। मधुबनी में एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। रक्सौल, रामगढ़वा, सुगौली और मोतिहारी जैसे निचले इलाकों में भी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। बिहार मौसम केंद्र ने कहा है कि 8 अक्टूबर तक पूर्वी बिहार में बारिश जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने जलजमाव और आपात स्थिति के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे बारिश और वज्रपात के दौरान सुरक्षित स्थान पर रहें। घर के आसपास पानी जमा होने से बचाव के उपाय करें। बिजली उपकरणों का इस्तेमाल सावधानी से करें और खासकर सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलते समय सतर्क रहें। साथ ही, उत्तर-पूर्वी बिहार के जिलों में खेतों और घरों के पास जलभराव को रोकने के लिए प्रशासन और स्थानीय लोग एकजुट रहें। नदियों के किनारे रहने वाले लोग प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
Published on:
07 Oct 2025 05:20 pm
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