राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व विधायक तेज प्रताप यादव इन दिनों सीएम नीतीश कुमार और एनडीए नेताओं को छोड़ अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और राजद के नेताओं पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। बुधवार को मनेर में आयोजित एक रोड शो के दौरान तेज प्रताप ने एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र पर तीखा वार किया। इससे पहले उन्होंने तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा पर तंज कसते हुए कथा था कि वह लोकतंत्र बचाने निकले हैं या तार-तार करने।
तेज प्रताप ने मनेर में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा यह बैल अब बेलगाम हो गया है। यह मुझे राजद से निकलवा सकता है, लेकिन जनता के दिल से मुझे नहीं निकाल सकता। उनका सीधा इशारा भाई वीरेंद्र की ओर था, जिन पर उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हीं की वजह से उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। तेज प्रताप का यह बयान केवल एक नेता पर निशाना नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे राजद और खासकर तेजस्वी यादव से उनकी बढ़ती दूरी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। हाल के दिनों में वे लगातार अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं और सोशल मीडिया से टीम तेज प्रताप के नाम पर राजनीतिक ताकत खड़ी करने में जुटे हैं।
मनेर के महिनावा में उन्होंने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल का नया कार्यालय भी खोला है। इसी दौरान उन्होंने मनेर के डिप्टी चीफ काउंसलर शंकर कुमार यादव को विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। लोगों को लुभाने के लिए उन्होंने स्थानीय विकास कार्यों का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी टीम का प्रतिनिधि जीतेगा तो मनेर में एक आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा और इलाके की अन्य विकास योजनाओं को भी गति दी जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह तेवर केवल व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है बल्कि भविष्य की रणनीति का हिस्सा है। वे लगातार अपने पिता लालू प्रसाद और छोटे भाई तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष दोनों तरह के हमले कर रहे हैं। उनकी हर गतिविधि इस ओर इशारा कर रही है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी अलग राजनीतिक ताकत दिखाने की तैयारी में हैं।
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Published on:
20 Aug 2025 04:33 pm