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देश में 18,900 प्रत्यारोपण, लेकिन ब्रेन-डेड अंगदाता मात्र 1128, राजस्थान सहित ये राज्य फिसड्डी, जानें क्यों?

World Organ Donation Day: राजस्थान में केवल 15 ब्रेन-डेड अंगदान दर्ज हुए-वो भी तब, जब राजस्थान में करीब एक दशक से जागरूकता अभियान चलाने और सकारात्मक माहौल बनाने के दावे किए जा रहे हैं।

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Photo Source AI

World Organ Donation Day 2025: जयपुर। देश में ब्रेन-डेड अंगदान की स्थिति अब भी गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में रिकॉर्ड 18,900 अंग प्रत्यारोपण होने के बावजूद मृत (ब्रेन-डेड) अंगदाताओं की संख्या सिर्फ 1,128 रही।

चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 62 प्रतिशत दान केवल छह दक्षिणी राज्यों से हुए, जबकि उत्तर और मध्य भारत के कई राज्य बेहद पिछड़े रहे। शीर्ष पर तमिलनाडु (286), तेलंगाना (188), महाराष्ट्र (172), कर्नाटक (162) और गुजरात (119) रहे।

राजस्थान सहित ये राज्य फिसड्डी

दूसरी ओर, राजस्थान में केवल 15, मध्यप्रदेश में 11 और छत्तीसगढ़ में मात्र 4 ब्रेन-डेड अंगदान दर्ज हुए—वो भी तब, जब राजस्थान में करीब एक दशक से जागरूकता अभियान चलाने और सकारात्मक माहौल बनाने के दावे किए जा रहे हैं।

राज्यवार कैडेवर अंगदान (2024)

क्रमराज्य/केंद्रशासित प्रदेशकैडेवर अंगदान (संख्या)
1तमिलनाडु286
2तेलंगाना188
3महाराष्ट्र172
4कर्नाटक162
5गुजरात119
6आंध्र प्रदेश66
7दिल्ली-एनसीआर40
8चंडीगढ़20
9राजस्थान15
10ओडिशा14
11पश्चिम बंगाल14
12केरल11
13मध्य प्रदेश11
14पंजाब7
15पांडिचेरी6
16हरियाणा5
17छत्तीसगढ़4
18मणिपुर3
19असम1
20गोवा1
21उत्तराखंड1

परिवारों की सहमति सबसे बड़ी चुनौती

विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेन-डेड रोगियों के परिजनों की समय पर सहमति लेना सबसे कठिन चरण है। इसके साथ ही, चिकित्सा समुदाय के भीतर ब्रेन स्टेम डेथ टेस्टिंग को लेकर संदेह और असहमति की स्थिति भी इस प्रक्रिया को प्रभावित करती है।

मांग अधिक, आपूर्ति कम

रिपोर्ट बताती है कि देश में फिलहाल 63,000 से अधिक मरीजों को किडनी और करीब 22,000 को लिवर ट्रांसप्लांट की तत्काल आवश्यकता है। इसके मुकाबले 2024 में केवल 13,476 किडनी और 4,901 लिवर प्रत्यारोपण ही संभव हो पाए। इसके अलावा 253 हृदय और 220 फेफड़े प्रत्यारोपण किए गए। यह अंतर स्पष्ट करता है कि आवश्यकता और उपलब्धता के बीच की खाई अब भी बहुत चौड़ी है।