
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: अगर आप बस से सफर करते हैं तो जान सकते हैं कि आपको सीट की जगह स्टूल पर बैठना पड़े तो कैसा लगेगा...? आपको पता होगा कि ठंड में कितनी ठंडी हवा आती होगी....आपको पता होगा कि धक्के कितने लगते होंगे....लेकिन इन सबको दरकिनार कर हरियाणा, यूपी जैसे राज्यों से आउटडेटेड हो चुके 15 साल पुराने वाहनों को भोपाल में लाकर यात्री बसों की शक्ल दी जा रही है। यह सबसे बड़ी वजह है कि इन गाड़ियों में लगातार हादसे हो रहे हैं।
चलते-चलते अचानक पिछले पहिए का एक्सेल सहित बाहर आ जाना जैसी असामान्य घटनाओं के बाद हुई प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है। 15 साल पुरानी बसों में खतरे का सफर करने वाले मुसाफिरों को फूटी खिड़कियों के बगल में प्लास्टिक के स्टूल पर बिठाया जा रहा है।
मुनाफाखोरी करने वाले शहर के 46 बस ऑपरेटरों पर परिवहन विभाग अभी तक 4.75 लख रुपए का जुर्माना लगा चुका है, इसके बावजूद घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को अब स्टेट परमिट नहीं दिया जाएगा, ये बसें किसी भी शक्ल में इंटर स्टेट हाइवे पर नहीं चलेंगी।
मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश सहित दूरदराज के राज्यों में चोरी हुए वाहनों को यात्री वाहनों की शक्ल देकर इन्हें फर्जी तरीके से केंद्रीय परिवहन विभाग के रेकॉर्ड में अपलोड करवाने का मामला भी सामने आया है।
इस प्रकार संबंधित राज्य से दस्तावेज तैयार कर यह वाहन को मप्र लाकर इन्हें परमिट योग्य बताकर धोखाधड़ी की जा रही है। आरटीओ ने ऐसे आठ मामले सामने आने के बाद राज्यों को पत्र लिखकर अनुमतियां निरस्त करने की सलाह भी दी है।
15 साल पुरानी यात्री बसों से यात्रियों को जल्द छुटकारा मिलने का दावा किया गया है। विभाग ने साफ किया है कि बस ऑपरेटर अब इन वाहनों को शहर के छोटे रूट पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। जिन बसों को स्टेट परमिट से हटाया जाएगा उनके स्थान पर बस ऑपरेटर्स अपने नए वाहनों को दर्ज करवा सकेंगे।
Published on:
24 Nov 2025 06:00 am
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