Bhagat Singh A Stylish Freedom Fighter : एक युवा क्रांतिकारी जिसकी सैकड़ों यादें हमारे पास हैं, पर उसकी तस्वीरें गिनकर चार हैं। उसमें से एक इंग्लिश हैट वाली फोटो, जिसे सबसे अधिक पसंद किया जाता है। आज भी हमें उनकी पगड़ी, हैट और ताव वाली मूंछे उतनी ही पसंद हैं। इसलिए, गूगल पर भी उनके लुक को लेकर सर्च देखने को मिलते हैं। हमारे लिए ये स्टाइल या फैशन की बात हो, लेकिन भगत सिंह ने इसका इस्तेमाल भी क्रांति के लिए किया था। वहीं, भगत सिंह की अंतिम निशानी के तौर पर उनकी कमीज, बूट, घड़ी आदि हैं जिसे आप सुप्रीम कोर्ट के संग्राहलय में देख सकते हैं। आइए, उनके फैशन के पीछे की क्रांतिकारी सोच को समझते हैं।
20 साल की उम्र से भगत सिंह के जीवन पर शोध कर रहे जेएनयू के रिटायर्ड प्रोफेसर चमन लाल की उम्र आज 70 के पार है। वो कहते हैं, "भगत सिंह सादापन का पर्याय रहे। वैसे तो इंटरनेट पर ना जाने कितनी तस्वीरें हैं। मगर, असल में भगत सिंह की 4 तस्वीरें हैं और उससे ही उनका जीवन देखकर समझ सकते हैं। जिसे आप या इंटरनेट की दुनिया फैशन-स्टाइल समझ रही वो असल में भगत सिंह ने क्रांति के लिए इस्तेमाल किया था।"
चमन लाल उनकी चारों तस्वीरों को पत्रिका के साथ शेयर भी किए और कुछ इस तरह से समझाया जिसे आप नीचे पढ़कर समझ सकते हैं-
भगत सिंह की पहली तस्वीर 11 साल की उम्र में ली गई। वो अपने घर पर सफेद कपड़ों में थे। इसे ही संभावित रूप से पहली तस्वीर मानकर चलते हैं।
भगत सिंह की दूसरी तस्वीर 16 के उम्र की है। बता दें, इस फोटो में वो लाहौर (अब पाकिस्तान में है) के नेशनल कॉलेज के ड्रामा ग्रुप के मेंबर के रूप में थे। तस्वीर में भगत सिंह सफेद पगड़ी और कुर्ता-पायजामा पहने हुए हैं। इसमें भी उनका सादापन साफ झलक रहा है। वो चंद्रगुप्त, अंधेर नगरी जैसे नाटक में रोल प्ले किए थे।
जो तीसरी तस्वीर उपलब्ध है वो साल 1927 की है। भगत सिंह 20 की युवा उम्र में थे। तस्वीर में भगत सिंह बिना पगड़ी के खुले बालों के साथ चारपाई पर बैठे हुए हैं। ये तस्वीर भी इंटरनेट पर मौजूद है।
चौथी और आखिरी तस्वीर है इंग्लिश हैट वाली। ये तस्वीर दिल्ली में ली गई थी, तब भगत सिंह की उम्र 22 साल या उससे कम थी। ये तस्वीर भले स्टाइलिश है। मगर, इसकी कहानी कुछ और है। इस बात को समझना होगा।
प्रोफेसर चमन लाल भगत सिंह की सूट-बूट व इंग्लिश हैट वाली तस्वीर पर कहते हैं, 1928 में सांडर्स की हत्या हुई थी। भगत सिंह को लाहौर से बाहर निकलना था। इसके लिए उनको अंग्रेजी बाबू की तरह दिखना था। इसलिए वो इस तरह के लुक में दुर्गा भाभाी के साथ वहां (लाहौर) से निकलकर दिल्ली के लिए चले थे। इसी कारण उनको ब्रिटिश पुलिस वाले पहचान नहीं पाए थे। इतना ही नहीं, सब उनको कोई बहुत बड़ा अंग्रेज ऑफिसर समझ रहे थे। इस फैशन के पीछे क्रांति ही थी, कुछ और नहीं।
वो ये भी कहते हैं कि भगत सिंह जैसी मूंछ का ट्रेंड हो या फिर पगड़ी का वो आज भी पंजाब में दिखता है। खासकर, उनकी पगड़ी की स्टाइल का क्रेज दिखता है। पर चाहे सूट-बूट हो या खुले बाल या पगड़ी… इन सभी चीजों का इस्तेमाल भगत सिंह ने अपनी क्रांति को जिंदा रखने के लिए ही किया था।
Published on:
14 Aug 2025 04:40 pm