Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Delhi Blast: 14 साल बाद फिर दहली दिल्ली, पिछले 40 सालों में देश में हुए 19 बड़े हमले

देश एक बार फिर बम धमाके से दहल उठा। सोमवार को दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके में कई लोग मारे गए। दिल्ली में 14 साल बाद बम धमाका हुआ। पिछले 40 सालों में देश में 19 बडे़ हमले हुए।

4 min read
Google source verification
When did the bomb blasts happen?

कब-कब हुए बम धमाके (फोटो-IANS)

Delhi Blast: सोमवार, 10 नवबंर, 2025 की शाम दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके में 9 लोगों की मौत हुई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए। मीडिया रिपोर्ट में इस फिदायीन हमले को अंजाम देने में पुलवामा के डॉ. उमर का नाम सामने आ रहा है। करीब 14 साल बाद दिल्ली बम धमाकों से दहल उठी। इससे पहले 7 सितम्बर 2011 को दिल्ली हाई-कोर्ट के बाहर धमाका हुआ था। विस्फोटक ब्रिफकेस में रखा गया था। इस धमाके में कई लोग घायल हुए थे, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ था।

दिल्ली में साल 1985 में दिल्ली में पहला बड़ा धमाका हुआ था। जब 10 मई को ट्रांजिस्टर में फिट किए गए बम एक साथ कई जगह फटे थे। इस बम धमाके में 49 लोगों की मौत हुई, जबकि 127 लोग घायल हुए। यह हमला बसों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर किया गया था। इसके बाद 21 मई 1996 को लाजपत नगर के सेंट्रल मार्केट में भयंकर धमाका हुआ था। इस हमले में 13 लोगों की मौत और 38 से अधिक लोग घायल हुए। बीते चालीस सालों में 15 से अधिक बार दिल्ली और देश के कई बड़े शहर दहल उठे।

12 मार्च 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट

12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 सीरियल बम ब्लास्ट ने शहर को हिला दिया। दोपहर 1:30 बजे से शाम 3:40 बजे तक, RDX से भरे वाहनों ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया बिल्डिंग, जावेरी बाजार, होटल सी रॉक, प्लाजा सिनेमा सहित 13 स्थानों को निशाना बनाया। इस हमले में 257 लोग मारे गए, 1,400 घायल हुए। हमले का आरोप दाउद इब्राहिम की डी कंपनी पर लगा। यह भारत में पहला बड़ा सीरियल बम ब्लास्ट था।

13 दिसंबर 2001 संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 को दोपहर 11:30 बजे, जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकियों ने संसद भवन पर हमला किया। सफेद एम्बेसडर कार में विस्फोटक, AK-47, ग्रेनेड लेकर VP हाउस गेट से घुसे। सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में सभी आतंकी मारे गए। 9 लोग शहीद हुए, जिनमें 5 दिल्ली पुलिस, 2 संसद सुरक्षा, 1 माली, 1 महिला कांस्टेबल शामिल थीं, जबकि 18 लोग घायल। हमला संसद सत्र के दौरान हुआ था। उस दौरान PM वाजपेयी, सोनिया गांधी संसद के अंदर थे।

25 अगस्त 2003 को धमाकों से दहली मुंबई

25 अगस्त 2003 को मुंबई में दो कार बम धमाकों ने दहशत फैलाई। पहला धमाका दोपहर 1 बजे जावेरी बाजार में टैक्सी में हुआ, दूसरा 1:55 बजे गेटवे ऑफ इंडिया के पास हुआ। ब्लास्ट के लिए RDX का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट में 52 लोगों की मौत हुई, जबकि 184 लोग घायल हुए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा ने ली।

2005 नई दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट

29 अक्टूबर 2005 को दिवाली से दो दिन पहले दिल्ली में तीन बम धमाके हुए। शाम 5:38 बजे पहाड़गंज मार्केट, 5:56 बजे सरोजिनी नगर मार्केट और 6:00 बजे गोविंदपुरी बस में विस्फोट हुआ। RDX से भरे बैगों ने 62 लोगों की जान ली, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए।

2006 मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट

11 जुलाई 2006 को शाम 6:24 से 6:35 बजे के बीच मुंबई की सबअर्बन ट्रेनों में 7 प्रेशर कुकर बम फटे। माटुंगा, बांद्रा, जोगेश्वरी, बोरीवली, माहिम, मीरा रोड और खार में धमाके हुए। RDX से भरे बमों ने 209 लोगों की जान ली, 700 से अधिक लोग घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा और सिमी ने ली।

2008 जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट

13 मई 2008 को शाम 7:20 से 7:45 बजे के बीच जयपुर की वॉल्ड सिटी में 8 बम धमाके हुए। मनक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जोहरी बाजार, संगनेरी गेट आदि में साइकिल पर अमोनियम नाइट्रेट, RDX और बॉल बेयरिंग से भरे बम फटे। इस हमले में 63 लोगों की मौत हुई। इस हमले की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली।

2008 मुंबई ताज हमला

26 नवंबर 2008 रात 9:20 बजे लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर सुनियोजित हमला किया। ताज पैलेस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल को निशाना बनाया। होटल ताज को कई घंटे तक कब्जे में रखा। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई।

इसके बाद 2 जनवरी 2016 को जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमले को अंजाम दिया। इस हमले में 7 की मौत हुई। 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में जैश ए मोहम्मद के हमले को अंजाम दिया। इसमें 19 सैनिकों की मौत हुई। 8 जनवरी 2019 को एकबार फिर जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने भारतीय सेना को निशाना बनाया। इसमें 40 सैनिक शहीद हुए। 22 अप्रैल 2025 को लश्कर ए तैयबा से संबंधित TRF ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया। इसमें 28 की मौत हुई।