न्यूनतम पेंशन में इजाफा हो सकता है। (PC: Pexels)
भारत के 7.37 करोड़ कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा हर महीने प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ में जाता है। अब बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होगा कि यह पैसा कहां इन्वेस्ट होता है? पीएफ खातों का प्रबंधन करने वाला संगठन EPFO इस पैसे को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट करता है। अब इस इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न को बढ़ाने की तैयारी हो रही है। ईपीएफओ तीन सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स- कर्मचारी भविष्य निधि, पेंशन योजना और डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस कवर (EDLI) के तहत निवेश पर मिलने वाले रिटर्न के लिए अलग-अलग बेंचमार्क अपनाने की तैयारी कर रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
यह कदम RBI की उस सिफारिश के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें उसने श्रम और रोजगार मंत्रालय से EPFO की मौजूदा निवेश व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा है। अभी EPFO इन तीनों योजनाओं के लगभग 25 लाख करोड़ के कुल फंड को एक ही पूल में रखकर एक समान निवेश पैटर्न अपनाता है, जबकि इनकी देनदारियां अलग-अलग हैं। RBI ने यह भी सुझाव दिया है कि इन स्कीम्स के इन्वेस्टमेंट परफॉर्मेंस को मापने वाले बेंचमार्क को दोबारा डिजाइन किया जाए।
ईपीएफओ कुल नई राशि का 45 से 65% हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में इन्वेस्ट करता है। 20 से 45% हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करता है। 5 से 15% हिस्सा शेयर मार्केट में इंडेक्स फंड्स के माध्यम से इन्वेस्ट करता है। वहीं, 0 से 5% हिस्सा शॉर्ट टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करता है।
निवेश श्रेणी (Investment Category) | निवेश का प्रतिशत (Allocation %) | निवेश का विवरण |
---|---|---|
सरकारी प्रतिभूतियाँ (Government Securities) | 45% – 65% | सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाले सरकारी बॉन्ड्स में निवेश |
ऋण साधन / डेट इंस्ट्रूमेंट्स (Debt Instruments) | 20% – 45% | कॉरपोरेट बॉन्ड्स, डिबेंचर और अन्य फिक्स्ड इनकम साधनों में निवेश |
शेयर बाजार / इक्विटी (Equity via Index Funds) | 5% – 15% | BSE सेंसेक्स और Nifty 50 जैसे इंडेक्स फंड्स में निवेश |
अल्पावधि ऋण साधन (Short-Term Debt Instruments) | 0% – 5% | शॉर्ट टर्म निवेश, जैसे ट्रेजरी बिल्स या कम अवधि के बॉन्ड्स |
EPFO फिलहाल अपने विभिन्न फंड मैनेजर्स की परफॉर्मेंस का आकलन सलाहकार क्रिसिल द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर करता है। क्रिसिल ईपीएफओ के डेट पोर्टफोलियो को बॉन्ड यील्ड से जुड़े बेंचमार्क के मुकाबले मापता है। जबकि इक्विटी पोर्टफोलियो की BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 इंडेक्स की परफॉर्मेंस से तुलना की जाती है। अब EPFO इस पर विचार कर रहा है कि वह अपने EPF निवेशों के लिए एक अलग बेंचमार्क और EPS व EDLI निवेशों के लिए दूसरा अलग बेंचमार्क अपनाए। जिससे रिटर्न को बढ़ाया जा सके।
EPFO में फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) जल्द ही एक नई सुविधा को मंजूरी देने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके तहत लगभग 80 लाख पेंशनर्स को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के जरिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) घर पर ही मिल सकेगा।
लाइफ सर्टिफिकेट पेंशन के समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और सदस्य की मृत्यु के बाद ओवर पेमेंट रोकने के लिए जरूरी होता है। इसके माध्यम से फैमिली पेंशन का भुगतान विधवाओं और आश्रित बच्चों को समय पर शुरू किया जा सकता है। उम्रदराज पेंशनर्स को डिजिटल साक्षरता की कमी और तकनीक की सीमित पहुंच के कारण DLC जमा करने में कठिनाई होती है, जिससे पेंशन भुगतान में देरी या रुकावट आती है।
इस कारण EPFO ने डाक विभाग के साथ समझौता करने का फैसला किया है, ताकि पेंशनर्स बैंक या EPFO कार्यालयों की बजाय नजदीकी पोस्ट ऑफिस जा सकें या पोस्टमैन को घर बुला सकें। यह सुविधा खास तौर पर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के पेंशनर्स के लिए बेहद उपयोगी होगी।
सीबीटी कई पेंडिग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आज सोमवार को बैठक कर रही है। इन मुद्दों में ईपीएफओ 3.0 और न्यूनतम पेंशन वृद्धि भी शामिल है। ऐसे में जल्द ही न्यूनतम पेंशन वृद्धि को लेकर फैसला आ सकता है। केंद्र सरकार ने आखिरी बार 2014 में न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपये किया था। अब इस न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने की बात हो रही है।
Published on:
13 Oct 2025 04:21 pm
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