9 अगस्त 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Trump Tariff से क्या आपकी नौकरी पर है खतरा? करीब 3 करोड़ परिवारों में डर का माहौल

Tariff Impact on Job Market: 50 फीसदी टैरिफ ने भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में बांग्लादेश और वियतनाम जैसे दूसरे देशों के उत्पादों के मुकाबले काफी पीछे ला खड़ा किया है।

भारत

Pawan Jayaswal

Aug 08, 2025

Is your job at risk due to Trump Tariff
टैरिफ से भारत के जॉब मार्केट पर भी असर पड़ सकता है। (PC: Gemini)

बीते काफी समय से आप ट्रंप और टैरिफ से जुड़ी कई सारी खबरें पढ़ और सुन रहे होंगे। चाहे वह भू-राजनैतिक तनाव हो, ट्रेड वॉर हो, सप्लाई चेन से जुड़ी कोई बड़ी समस्या हो या फिर टैक्स, जॉब मार्केट पर इन सब चीजों का असर पड़ता है। जब कंपनियों का मुनाफा प्रभावित होता है, उनके लिए मार्केट में कोई बाधा आती है या फ्यूचर ग्रोथ पर सवाल खड़े होते हैं, तब कंपनियां कर्मचारियों का इंक्रीमेंट रोकने या छंटनी जैसे कदम उठाती हैं। ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया 50 फीसदी का भारी-भरकम टैरिफ कई सेक्टर्स में कंपनियों के रेवेन्यू और उनकी ग्रोथ को बुरी तरह प्रभावित करेगा। इसका सीधा असर जॉब मार्केट में देखने को मिलने वाला है।

क्या है परेशानी?

जो कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स अमेरिकी बाजार में बेचती हैं, उनके लिए चुनौती बहुत बड़ी है। 50 फीसदी टैरिफ ने इन कंपनियों को यूएस मार्केट में अपने कंपटीटीर्स की तुलना में काफी पीछे ला खड़ा किया है। टैरिफ के चलते अमेरिका में इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स बांग्लादेश, वियतनाम और दूसरे देशों के उत्पादों की तुलना में काफी महंगे हो गए हैं। जब अमेरिकियों को सस्ते प्रोडक्ट्स मिल रहे होंगे, तो वे महंगे भारतीय प्रोडक्ट्स क्यों खरीदेंगे? इससे भारतीय कंपनियां धीरे-धीरे अपना अमेरिकी मार्केट खो सकती हैं। बांग्लादेश, वियतनाम और दूसरे कई देशों के उत्पादों पर भारत की तुलना में कम यूएस टैरिफ लग रहा है।

दूसरे देशों में शिफ्ट हो सकती है मैन्युफैक्चरिंग

कई इंडस्ट्री लीडर्स ने अपने कारोबारों के लिए इस बढ़े हुए टैरिफ को बेहद खतरनाक बताया है। वहीं, कई कंपनियां अब टैरिफ से बचने के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग दूसरे देशों में शिफ्ट कर सकती हैं। जो कंपनियां अपनी मैन्यूफैक्चरिंग शिफ्ट करेंगी, उनमें कई भारतीयों को अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है। अगर हम अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित सभी सेक्टर्स से जुड़े लोगों की बात करें, तो ये करीब 2.80 करोड़ लोग हैं। इनमें से 2 करोड़ लोग तो सिर्फ सीफूड सेक्टर से जुड़े हैं।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीना के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था प्रमुख रूप से घरेलू डिमांड से चलती है। भारत निर्यात प्रधान देश नहीं है। इसलिए टैरिफ का व्यापक असर नहीं होगा। वहीं, आईटी, फार्मा और इलेक्ट्ऱॉनिक्स सेक्टर नई टैरिफ लिस्ट के पार्ट नहीं है। मीना ने कहा कि यूएस टैरिफ का असर टेक्सटाइल, जेम्स एंड जूलरी और लेदर इंडस्ट्री पर पड़ेगा। इन सेक्टर्स में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। टैरिफ से इन लोगों की जॉब पर भी असर पड़ सकता है।

सीफूड एक्सपोर्ट

ट्रंप टैरिफ का सबसे बड़ा असर सीफूड इंडस्ट्री पर पड़ने वाला है। भारत के सीफूड एक्सपोर्ट का करीब 40 फीसदी हिस्सा अमेरिका जाता है। इसमें झींगा बड़ी मात्रा में होता है। भारत का सीफूड एक्सपोर्ट करीब 60,000 करोड़ रुपये का है। सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट पवन कुमार ने कहा, 'यह सीफूड इंडस्ट्री के लिए एक तरह की कयामत है। इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा।' टैरिफ के चलते इन्वेंट्री में काफी अनसोल्ड स्टॉक पड़ा हुआ है, इससे इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होने वाला है।

2 करोड़ लोगों की है आजीविका

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सीफूड इंडस्ट्री में करीब 2 करोड़ लोग काम करते हैं। इनमें से कई किसान हैं। यूएस टैरिफ से ये लोग प्रभावित होंगे। टैरिफ से भारतीय सीफूड इंडस्ट्री को 24,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री

तिरुपुर, नोएडा और सूरत के टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स ने यूएस ऑर्डर्स के लिए मैन्यूफैक्चरिंग रोकने का फैसला लिया है। टैरिफ में जबरदस्त उछाल से उपजी अनिश्चितता से उनके लिए अपने प्रोडक्ट्स को कंपटिटिव बनना असंभव हो गया है। तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन Sakthivel ने बताया कि अगले 30-40 दिन तक के लिए, जब तक भारत और अमेरिका की ट्रेड डील नहीं हो जाती, टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा।

इंक्रीमेंट और जॉब पर पड़ेगा असर

अप्रैल के बाद से इस सेक्टर में भारत का अमेरिका को निर्यात काफी गिर गया है। वहीं, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों के निर्यात में इजाफा हुआ है। 2022-23 की एएसआई रिपोर्ट के अनुसार, टैक्सटाइल सेक्टर में 17,22,672 कर्मचारी हैं। वहीं, अपैरल सेक्टर से 13,20,172 कर्मचारी हैं। बढ़े हुए टैरिफ से इनके इंक्रीमेंट और जॉब पर असर पड़ सकता है।

जेम्स एंड जूलरी इंडस्ट्री

ट्रंप टैरिफ से जेम्स और जूलरी सेक्टर को भी काफी नुकसान होगा। भारतीय डायमंड और जूलरी एक्सपोर्ट के लिए अमेरिका सबसे बड़ा मार्केट है। यह 2024-25 में 83,000 करोड़ की इंडस्ट्री थी। ट्रंप टैरिफ के चलते इस इंडस्ट्री को अपने मैन्यूफैक्चरिंग दूसरे देशों में शिफ्ट करनी पड़ सकती है। ऐसा हुआ तो इस सेक्टर में काम करने वाले काफी भारतियों की नौकरियों पर असर पड़ सकता है।

2,62,476 कर्मचारियों पर पड़ेगा असर

ईटी की एक रिपोर्ट में जेम एंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन किरीट भंसाली के हवाले से बताया गया कि 50 फीसदी टैरिफ भारतीय जेम्स एंड जूलरी सेक्टर के लिए कयामत लेकर आया है। इंडस्ट्री को इससे निपटने के लिए वैकल्पिक रास्ते निकालने होंगे। भंसाली के अनुसार, 50 फीसदी टैरिफ के बाद इंडस्ट्री का सर्वाइव करना असंभव है। इससे इस इंडस्ट्री में काम कर रहे 2,62,476 कर्मचारियों पर काफी असर पड़ेगा।

ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री

यूएस टैरिफ से भारत की 61,000 करोड़ रुपये की ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट इडस्ट्री भी काफी प्रभावित होगी। अमेरिका भारत के ऑटो पार्ट्स के लिए टॉप डेस्टिनेशन है। वित्त वर्ष 2025 में इंडस्ट्री का 32 फीसदी शिपमेंट अमेरिका गया था। इस इंडस्ट्री में 15 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं। यह इंडस्ट्री अप्रत्यक्ष रूप से भी लाखों लोगों को रोजगार देती है। यूएस टैरिफ से इस सेक्टर में भी जॉब मार्केट प्रभावित हो सकता है।

रोजगार और निवेश पर पड़ेगा काफी बुरा असर

एचडीएफसी बैंक में प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता ने बताया कि टैरिफ जारी रहता है, तो रोजगार और निवेश पर काफी बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'सेकंड राउंड इंपेक्ट प्राइवेट कैपेक्स, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और लेबर मार्केट्स पर होगा। आने वाले महीनों में यहां बड़ा खतरा देखने को मिल सकता है। ईटी की एक रिपोर्ट में गुप्ता के हवाले से बताया गया कि जॉब मार्केट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पहले से कमजोर रहा था। जेम्स, जूलरी, टेक्सटाइल, लेदर और फुटवियर जैसे लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स अधिक प्रभावित हो सकते हैं।'