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Gen Z protests in world: नेपाल, केन्या, मेडागस्कर के बाद मोरक्को में उबाल, एक दर्जन शहरों में प्रदर्शन जारी, युवाओं की क्या है मांग?

Gen Z protests: नेपाल, पेरू, मेडागस्कर के बाद अब मोरक्को में युवा आंदोलनकारी देश मेंं व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ में सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी पीएम अ​जीज का इस्तीफा चाह रहे है। वे फुटबॉल विश्व कप 2030 के निवेश से खफा हैं।

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Gen Z Protest in Morocco

मोरोक्को में युवाओं का चल रहा आंदोलन (Photo: Ians)

Gen Z protests in Morocco : नेपाल में जेन जेड द्वारा सरकार के तख्तापलट के बाद मोरक्को में युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा लेना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारी (Gen Z 212) गुरुवार को लगातार छठी रात सड़कों पर देश में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के खिलाफ उतरे। अब तक 1,000 से ज्यादा युवा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

उबल रही दुनिया, जानिए क्या है समस्या?

पिछले कुछ सप्ताह में अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका के देशों में "जेन जेड" लगातार विरोध और प्रदर्शन कर रहे हैं। युवा प्रदर्शनकारी सरकारी नेतृत्व के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की शिकायत कर रहे हैं। मेडागास्कर में पानी और बिजली की गंभीर कमी से लेकर मोरक्को में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुंच और नेपाल तथा पेरू में भ्रष्टाचार के घोटाले शामिल हैं। हाल के महीनों में केन्या, इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए हैं।

पुलिस ने तीन लोगों का किया मर्डर

मोरोक्को में एक रात पहले पुलिस द्वारा तीन लोगों की हत्या (Morocco police killed three people) के बाद हिंसा बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी। वहीं नेपाल में 17 सितंबर 2025 को जेन जेड के विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 72 लोग मारे गए और 2,113 से ज्यादा हुए थे।

प्रदर्शनकारी कर रहे पीएम अजीज के इस्तीफे की मांग

मोरोक्को के कैसाब्लांका सहित कम से कम एक दर्जन शहरों में पिछले छह दिनों से लगातार प्रदर्शन जारी रखा है। वे प्रधानमंत्री अजीज अखन्नौच के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी बेहतर स्कूलों और अस्पतालों की मांग कर रहे हैं।

PM के इस्तीफे की मांग कर रहे तीन लोगों की हत्या

पुलिस ने तटीय शहर अगादिर के बाहरी इलाके में स्थित लेकलिया नामक एक छोटे से कस्बे में इस्तीफे की मांग कर रहे तीन प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी। पुलिस का कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन दंगों में बदल गए, बैंकों को लूट लिया गया और कारों को आग लगा दी गई। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस के हथियार छीनने की कोशिश के दौरान तीनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि अभी तक गृहमंत्रालय के इस बयान की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

'हम अखन्नौच को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं'

हालांकि मोरक्को के राजा देश के सर्वोच्च अधिकारी हैं लेकिन प्रदर्शनकारी सरकार के मुखिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि देश में खराब नीतियों को पीएम अजीज ने लागू किया है। प्रदर्शनकारी राजा मोहम्मद VI से सरकार के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। युवा प्रदर्शन के दौरान "हम अखन्नौच को उखाड़ फेंकना चाहते हैं" और "सरकार को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं!" के नारे लगा रहे हैं।

अखनौच ने कहा, बातचीत की एकमात्र रास्ता

अखन्नौच ने कहा कि वह बुधवार को हुई मौतों पर शोक व्यक्त करते हैं। उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सराहना की और संकेत दिया कि सरकार प्रदर्शनकारियों के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। अखन्नौच ने कहा, "हमारे देश के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए बातचीत पर आधारित दृष्टिकोण ही एकमात्र रास्ता है।"

70 फीसदी प्रदर्शनकारी ना​बालिग

गृह मंत्रालय ने बताया कि 354 लोग घायल हुए जिनमें से अधिकांश कानून प्रवर्तन अधिकारी थे। मंत्रालय ने यह भी बताया कि देश के 23 प्रांतों में सैकड़ों कारों के साथ-साथ बैंकों, दुकानों और सार्वजनिक इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, पूरे देश में लगभग 70% प्रदर्शनकारी नाबालिग थे।

Gen Z 212 ग्रुप के बैनर तले हो रहा प्रदर्शन

जेन ज़ेड 212 बैनर तले हो रहे इस आंदोलन ने पूरे देश को चौंका दिया है। यह बताया जा रहा है कि मोरक्को में पिछले कुछ वर्षों में हुए सबसे बड़े प्रदर्शनों में से यह एक है। इस आंदोलन की आग पूरे देश में तेजी से फैलती जा रही है। हर रोज देश के नए इलाके इस प्रदर्शन से जुड़ते जा रहे हैं।

विश्व कप की तैयारी में अरबों डॉलर के निवेश से खफा हैं युवा

Soccer World Cup 2030 : जेन-जेड विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले लोग देश में व्यापक भ्रष्टाचार की निंदा कर रहे हैं। वे नारों और पोस्टरों के माध्यम से यह बता रहे हैं कि उनके स्कूल और अस्पताल की हालत बहुत खराब है। वे दयनीय स्थिति में पहुंच चुके हैं लेकिन सरकार 2030 के फुटबॉल विश्व कप की तैयारी के लिए अरबों डॉलर के निवेश कर रही है।

'स्टेडियम तो हैं लेकिन अस्पताल कहां हैं' नारे हो रहे बुलंद

इस आंदोलन के सबसे लोकप्रिय नारों में से एक "हेल्थकेयर सबसे पहले, हम विश्व कप नहीं चाहते" देश के युवाओं की जुबान पर चढ़ चुके हैं। देश भर में निर्माणाधीन या नवीकरण किए जा रहे नए स्टेडियमों की ओर इशारा करते हुए प्रदर्शनकारियों ने नारा लगाया, "स्टेडियम तो हैं, लेकिन अस्पताल कहां हैं?"

8 महिलाओं की मौत से भड़का आंदोलन

हाल ही में अगाडिर के सार्वजनिक अस्पताल में आठ महिलाओं की मौत से मोरक्को की स्वास्थ्य प्रणाली की पोल खुल गई और युवाओं ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मोरक्को इस साल के अंत में फ़ुटबॉल के अफ़्रीका कप ऑफ़ नेशंस की मेज़बानी की तैयारी कर रहा है और राजनेता 2026 में संसदीय चुनावों की तैयारी कर रहे हैं। जेन जेड 212 ने एक बयान में कहा, "स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार कोई खोखला नारा नहीं बल्कि एक गंभीर मांग है।"

अब तक 1,000 से ज्यादा लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

मोरक्को मानवाधिकार एसोसिएशन ने कहा है कि 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कई की गिरफ्तारी स्थानीय मीडिया द्वारा वीडियो पर दिखाई गई थी और कुछ को लाइव टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान सादे कपड़ों में अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मेडागस्कर में भंग कर ​दी गई सरकार

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना ने पानी और बिजली की उपलब्धता को लेकर युवाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार को अपनी सरकार को भंग कर दिया। यहां विरोध, प्रदर्शन के दौरान कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

पेरू में भड़क उठा आंदोलन

पेरू की राजधानी लीमा में 20 सितंबर को विरोध और प्रदर्शन शुरू हुए। युवा प्रदर्शनकारियों का साथ बस और टैक्सी चालकों ने दिया। ये युवा आर्थिक असुरक्षा को लेकर विरोध कर रहे थे। वहां के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने एक सुधार विधेयक पारित किया जिसके तहत युवाओं को एक निजी पेंशन कोष में पैसे जमा कराने होंगे। वहीं टैक्सी और बस चालकों का कहना है कि गिरोह उनसे जबरन पैसे वसूल रहे हैं और सरकार हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।

समाज में फैली असमानता बन रही है अशांति की वजह

जेनरेशन ज़ेड 212 विरोध आंदोलन ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण रहने की अपील की और "दमनकारी सुरक्षा उपायों" की कड़ी निंदा की है। इसके बावजूद देश में विरोध और प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं और ज़्यादा विनाशकारी हो गए हैं। स्थानीय मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा फिल्माए गए फुटेज में प्रदर्शनकारियों को देश के पूर्वी और दक्षिणी शहरों और कस्बों में पत्थर फेंकते और वाहनों में आग लगाते हुए दिखाया गया है। नेपाल, केन्या और मेडागास्कर जैसे देशों में जेन जेड के विरोध प्रदर्शन वहां असमानता और अशांति को दर्शाते हैं।