H3N2 virus Delhi NCR 2025 (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
H3N2 Flu Symptoms : इन्फ्लुएंजा ए के H3N2 फ्लू वायरस उपप्रकार ने पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक बड़ी महामारी फैला दी है। H3N2 फ्लू वायरस दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में फैल गया है और अधिकांश स्थानीय परिवारों को संक्रमित कर रहा है। H3N2 फ्लू वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है, क्योंकि यह लंबे समय तक बीमारी और खतरनाक जटिलताओं का कारण बनता है। आपकी स्वास्थ्य सुरक्षा चेतावनी के संकेतों को जल्दी पहचानने और गंभीर बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने पर निर्भर करती है। आइए जानते है सीनियर फिजिशियन डॉक्टर टी पी शर्मा से कुछ आम सवालों के जबाव जिससे आप समय रहते इस खतरनाक वायरस से बच सके।
उत्तर: H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है। यह सामान्य फ्लू के समान है लेकिन इसके लक्षण अक्सर अधिक गंभीर होते हैं, जैसे कि लंबे समय तक चलने वाला तेज बुखार, लगातार खांसी, और साँस लेने में दिक्कत। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
उत्तर: डॉक्टर टी पी शर्मा ने कहा, इसके लक्षणों में तेज बुखार (102°F से ऊपर), लगातार और गंभीर खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, मतली और उल्टी शामिल हैं। कुछ मामलों में, यह निमोनिया जैसी गंभीर जटिलताएं भी पैदा कर सकता है।
उत्तर: H3N2 मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों (droplets) से फैलता है। ये बूंदें हवा में फैलती हैं या सतहों पर गिरती हैं। अगर कोई व्यक्ति इन सतहों को छूकर अपने चेहरे, नाक या मुंह को छूता है तो वह भी संक्रमित हो सकता है।
उत्तर: डॉक्टर टी पी शर्मा ने कहा, संक्रमण से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है बार-बार हाथ धोना, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों से लौटने के बाद। खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को कोहनी या टिशू पेपर से ढकें। बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। मास्क पहनना भी एक प्रभावी उपाय है।
उत्तर: अगर लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सेल्फ-मेडिकेशन से बचें। पर्याप्त आराम करें, खूब पानी पिएं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें। अगर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो, तो तुरंत अस्पताल जाएं।
उत्तर: इसका निदान लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर गले या नाक से स्वाब लेकर RT-PCR टेस्ट कर सकते हैं, जिससे वायरस की पहचान की जा सके। यह खासकर उन लोगों के लिए जरूरी होता है जिनमें लक्षण गंभीर हों या जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हों।
उत्तर: H3N2 के लिए कोई सीधा इलाज नहीं है। उपचार लक्षणों को कम करने पर केंद्रित होता है। डॉक्टर एंटीवायरल दवाएं जैसे कि ओसेल्टामिविर (Oseltamivir) लिख सकते हैं, जो बीमारी की अवधि और गंभीरता को कम कर सकती हैं। इन दवाओं को लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर लेना सबसे प्रभावी होता है। डॉक्टर टी पी शर्मा ने कहा, इस दवा (Oseltamivir) के दुष्प्रभावों और Drug Resistance होने की संभावना की वजह से ये दवा डाक्टर के Supervision के बिना नहीं लेना चाहिए ….
उत्तर: वार्षिक इन्फ्लुएंजा वैक्सीन H3N2 सहित इन्फ्लुएंजा के कई उपभेदों (strains) से सुरक्षा प्रदान करती है। यह वैक्सीन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में मदद करती है।
उत्तर: बच्चों और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे वे H3N2 के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उनमें निमोनिया या श्वसन विफलता जैसी गंभीर जटिलताएं विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। इसलिए, उन्हें विशेष देखभाल और सावधानी की आवश्यकता होती है।
उत्तर: डॉक्टर टी पी शर्मा ने कहा, दोनों श्वसन संबंधी बीमारियां हैं और इनके लक्षण जैसे कि बुखार, खांसी और थकान कुछ हद तक मिलते-जुलते हैं। दोनों ही खांसने और छींकने से फैलते हैं। लेकिन H3N2 एक इन्फ्लुएंजा वायरस है, जबकि COVID-19 एक कोरोनवायरस है। इन दोनों वायरस की पहचान केवल जांच से ही की जा सकती है, इसलिए लक्षणों के आधार पर अनुमान लगाना मुश्किल है।
उत्तर: H3N2 फ्लू आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक रहता है। शुरुआती 2–3 दिन बुखार, सिरदर्द, गले में खराश और बदन दर्द ज्यादा रहता है। खांसी और थकान 1–2 हफ्ते तक रह सकती है। जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (immunity) कमजोर है या जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज या दिल की समस्या है, उनमें लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं और जटिलताएं भी हो सकती हैं।
Published on:
26 Sept 2025 04:05 pm
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