हाल ही में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में रहने वाले युवक विनय के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। उसने जब अपना कोटक महिंद्रा बैंक का बैलेंस चेक किया तो होश उड़ गए। स्क्रीन पर उसे 37 अंकों की रकम दिख रही थी-यानी 10 लाख करोड़ से ज्यादा। सोशल मीडिया पर विनय ने इसका स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। इसके बाद बैंक ने तुरंत उसका खाता फ्रीज कर दिया।
लेकिन यह अकेला मामला नहीं है। इससे पहले ग्रेटर नोएडा में भी एक व्यक्ति के खाते में 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये गलती से ट्रांसफर हो गए थे। कुछ ही समय में बैंक ने इस खाते को भी सील कर दिया। तो सवाल उठता है- अगर आपके खाते में भी गलती से अरबों रुपये आ जाएं, तो बैंक और पुलिस क्या करती है? आइए जानते हैं…
जब किसी खाते में असामान्य रूप से बड़ी रकम आती है, तो बैंक का ऑटोमैटिक सिस्टम इस ट्रांजेक्शन को संदिग्ध के रूप में चिह्नित कर देता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से टेक्निकल होती है, जो सुरक्षा के लिहाज से बनाई गई है। ऐसे ट्रांजेक्शन की जांच तुरंत शुरू हो जाती है। बैंक की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम या साइबर सुरक्षा इकाई पता लगाती है कि पैसा कहां से और क्यों आया।
जैसे ही ट्रांजेक्शन संदिग्ध पाया जाता है। उससे संबंधित व्यक्ति का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया जाता है। खाते से किसी भी तरह की निकासी, ट्रांसफर या उपयोग पर रोक लग जाती है।
अब सवाल उठता है कि क्या पुलिस गिरफ्तारी कर सकती है, तो जवाब है, हां। अगर व्यक्ति जानता है कि ये पैसे उसके नहीं हैं, फिर भी वह उन्हें खर्च करने या निकालने की कोशिश करता है या जानबूझकर चुपचाप बैठा रहता है तो यह क्रिमिनल मिसएप्रोप्रिएशन यानी अपराधिक रूप से धन के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है।
Published on:
07 Aug 2025 08:41 pm