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स्तनपान: मां और शिशु दोनों के लिए जीवनदायी प्रक्रिया, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में महिलाएं क्यों कर रही हैं इसे नजरअंदाज? जानें

Breastfeeding Awareness: स्तनपान शिशु का पहला और सबसे जरूरी अधिकार है। यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसके बावजूद आज भी कई महिलाएं इस जीवनदायी प्रक्रिया में लापरवाही बरत रही हैं, जो चिंता का विषय है।

स्तनपान जागरूकता (फोटो सोर्स- पत्रिका)
स्तनपान जागरूकता (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Breastfeeding Awareness: स्तनपान केवल एक प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि नवजात शिशु के लिए जीवन का पहला अमृत है। यह शिशु को पोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और मानसिक विकास प्रदान करता है, तो वहीं मां को ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी सुरक्षा देता है। इसके बावजूद आज भी कई महिलाएं इस जीवनदायी प्रक्रिया में लापरवाही बरत रही हैं, जो चिंता का विषय है।

1-7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह

1 से 7 अगस्त तक 'विश्व स्तनपान सप्ताह' मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिशुओं को स्तनपान कराने के महत्व को उजागर करना और माताओं को जागरूक करना है। लेकिन अफसोसजनक बात यह है कि आज भी कई महिलाएं खासकर शहरी और शिक्षित वर्ग की महिलाएं, स्तनपान को लेकर लापरवाही बरत रही हैं।

फिगर बिगड़ने’ के डर से दूरी

आधुनिक जीवनशैली अपनाने वाली कई महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराने से कतराती हैं। वजह उनका डर कि कहीं स्तनपान से उनका फिगर न बिगड़ जाए। हालांकि विशेषज्ञ इस धारणा को पूरी तरह गलत ठहराते हैं।

डॉ. ओंकार खंडवाल, एचओडी, पीडियाट्रिक, नेहरू मेडिकल कॉलेज के अनुसार, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। मां के दूध में वे सारे तत्व होते हैं, जो शिशु को बीमार करने से बचाता है। इससे भावनात्मक लगाव व बच्चे का वजन भी बढ़ता है। कम से कम 6 माह तक स्तनपान जरूरी है।

ग्रामीण महिलाएं अधिक जागरूक

आंकड़े बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं स्तनपान को लेकर कहीं ज्यादा सजग हैं। भले ही वे कम पढ़ी-लिखी हों, लेकिन वे जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराना शुरू कर देती हैं। इसके विपरीत, शहरी और पढ़ी-लिखी महिलाओं में स्तनपान की दर काफी कम है। वे या तो बोतल फीडिंग पर निर्भर होती हैं या कार्यस्थल की व्यस्तता के कारण स्तनपान से दूरी बना लेती हैं।

बच्चे के लिए क्यों जरूरी है स्तनपान?


  1. पहला टीका: मां का पहला दूध यानी कोलोस्ट्रम बच्चे के लिए पहला 'टीका' होता है। इसमें एंटीबॉडीज होते हैं जो नवजात को संक्रमण से बचाते हैं।




  2. संपूर्ण पोषण: 6 महीने तक केवल मां का दूध ही बच्चे को वह सभी पोषक तत्व देता है जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी हैं।




  3. बीमारियों से बचाव: स्तनपान करने वाले बच्चों को दस्त, निमोनिया, एलर्जी, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों की आशंका कम होती है।




  4. माता से जुड़ाव: मां और बच्चे के बीच भावनात्मक बंधन मजबूत होता है, जिससे बच्चे में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना विकसित होती है।

मां के लिए क्यों लाभदायक है स्तनपान?


  1. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव: शोध बताते हैं कि स्तनपान करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और ओवरी कैंसर की संभावना 25-30% तक कम हो जाती है।




  2. गर्भाशय के संकुचन में मदद: स्तनपान से शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है, जिससे प्रसव के बाद गर्भाशय जल्दी सामान्य आकार में आ जाता है।




  3. वजन घटाने में मदद: स्तनपान कैलोरी बर्न करता है, जिससे प्रसव के बाद वजन कम करने में मदद मिलती है।




  4. डायबिटीज व हृदय रोग से बचाव: यह मां को टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोग के खतरे से भी बचा सकता है।

समाज में बदलाव की जरूरत

  • फिगर खराब होने की सोच को दूर करना जरूरी है।
  • शहरी महिलाओं को भी ग्रामीण महिलाओं से सीख लेकर स्तनपान को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • इसके लिए हेल्थवर्कर, अस्पताल, और परिवार की भूमिका भी अहम है।