हिमांशु सिंह @ पत्रिका Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की सुपरहिट योजनाओं में शुमार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से मोहन सरकार को 318 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। अभी सरकार कर्ज लेकर हर महीने लाड़ली बहनों को 1250 रुपए दे रही है। अक्टूबर महीने में राशि अंतरित करने के लिए सरकार को 318 करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा। फिलहाल, अक्टूबर महीने में किस दिन लाड़ली बहनों के खाते में 1500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे यह अभी तय नहीं हुआ है। सीएम डॉ मोहन यादव के द्वारा भाईदूज पर बहनों के खाते में 250 रुपए अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया था। जिसके बाद अब लाड़ली बहनों के खाते में 1500 हर महीने ट्रांसफर किए जाएंगे।
सीएम डॉ मोहन यादव ने अगस्त में लाड़ली बहना योजना की राशि 1500 रुपए करने का ऐलान किया था। अक्टूबर महीने में सरकार के द्वारा 250 रुपए बढ़ाकर ट्रांसफर किए जाएंगे। यानी लाड़ली बहनों के खाते में इस महीने से 1500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। लाड़ली बहनों के खाते में राशि 15 अक्टूबर के पहले ही ट्रांसफर कर दी जाएगी।
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने ‘पत्रिका’ से बातचीत में कहा कि सरकार की लाड़ली बहना योजना अब सिर्फ चुनावी इवेंट बनकर रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर महीने इस योजना के भुगतान के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। पटेल ने कहा, सरकार इस महीने से बहनों के खातों में 1500 रुपए ट्रांसफर करने जा रही है, जिससे करीब 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा। उन्होंने दावा किया कि पहले लाखों लाड़ली बहनों के नाम योजना से काट दिए गए और अब नई पात्र बहनों नाम जुड़ नहीं पा रहे हैं। पूर्व मंत्री ने सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा, हर महीने मध्यप्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेला जा रहा है। राज्य पर प्रति व्यक्ति 60 हजार रुपए का कर्ज हो चुका है।
रक्षाबंधन पर सीएम मोहन यादव ने लाड़ली बहनों के खाते में 250 रुपए अतिरिक्त ट्रांसफर किए थे। जो कि हर महीने 1250 रुपए मिलने वाली राशि से अलग थे। उस दौरान सरकार ने करीब 1.26 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में 1859 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी। जबकि सितंबर महीने में 1.26 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 28वीं किस्त के रूप में 1541 करोड़ रुपए अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी।
अक्टूबर महीने में दिवाली का त्योहार है। ऐसे में कर्मचारियों और महिलाओं की मांग को पूरी करने के लिए सरकार फिर से कर्ज ले सकती है। सरकार पर मौजूदा कर्ज 459640.27 करोड़ रुपए तक हो गया। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष में आंकड़ा बढ़कर 37900 करोड़ तक पहुंच गया है। सरकार के द्वारा बीते 30 सितंबर को 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था।
Updated on:
05 Oct 2025 08:07 pm
Published on:
05 Oct 2025 06:46 pm
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