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महानदी में पहली रिलीज… धमतरी के बांधों में अब तक 59.489 टीएमसी पानी की आवक, किस बांध से कितना पानी छूट रहा है? जानें

महानदी की जलसंपदा इस वर्ष फिर से अपनी प्रचंडता दिखा रही है। राज्य के प्रमुख बांधों में जलभराव की स्थिति ने नया रिकॉर्ड बनाया है।

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बांधों में पानी की स्थिति (फोटो सोर्स- पत्रिका)

बांधों में पानी की स्थिति (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG Monsoon: महानदी की जलसंपदा इस वर्ष फिर से अपनी प्रचंडता दिखा रही है। राज्य के प्रमुख बांधों में जलभराव की स्थिति ने नया रिकॉर्ड बनाया है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में बांधों में कुल जलभराव क्षमता से 4 TMC (थ्रिटी मिलियन क्यूबिक फीट) अधिक पानी की आवक दर्ज की गई है। इसके परिणामस्वरूप, महानदी में सीजन में पहली बार पानी छोड़ा गया है।

गंगरेल और माड़मसिल्ली बांध लबालब

बारिश सीजन का अब अंतिम दौर चल रहा है। जिले के लिए अच्छी खबर है कि सभी बांधों की सेहत सुधर गई है। धमतरी जिले में चार बांध हैं। इन बांधों की कुल जलभराव क्षमता 55.176 टीएमसी है। वर्तमान में यहां 49.899 टीएमसी पानी है। इस बारिश सीजन में चारों बांधों में कुल 59.489 टीएमसी पानी की आवक हुई है। गंगरेल और माड़मसिल्ली बांध लबालब भर चुके हैं।

वहीं सोंढूर और दुधावा बांध में 73 से 75 प्रतिशत पानी है। सायफन सिस्टम मुरूमसिल्ली बांध से ऑटोमेटिक अतिरिक्त पानी छूट रहा है। गंगरेल बांध के 5 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। इस सीजन में पहली बार रविवार को महानदी में पानी छूटा। रूद्री बैराज से महानदी में 4026 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। महानदी के लिए यह पानी नाम मात्र है। अलर्ट जारी किया गया है।

छोड़ चुके 30.03 टीएमसी पानी

गंगरेल सहित अन्य सहायक बांधों को भरने में इस साल काफी वक्त लगा। दो बांध अभी भी पूरा नहीं भर पाए हैं। गंगरेल, मुरूमसिल्ली, सोंढूर, दुधावा बांध में 1 जून से अब तक 59.489 टीएमसी पानी की आवक हो चुकी है। इन बांधाें से 30.03 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। खरीफ फसल की सिंचाई के लिए नहर में 3688 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मुख्य नहर में 4026 क्यूसेक छूट रहा है। मौसम विभाग ने आगे भी अच्छी बारिश की संभावना जाहिर की है। ऐसे में गंगरेल के सभी 14 और रूद्री के सभी 26 गेट खुले तो महानदी का मनोरम नजारा देखने को मिलेेगा।

बांधों में पानी पर एक नजर में (क्षमता टीएमसी/आवक क्यूसेक में)

बांध- क्षमता- जलभराव- प्रतिशत- आवक
गंगरेल- 32.150 - 31.417- 96.18- 17642
मुरूमसिल्ली- 5.839- 5.787-99.04-1968
दुधावा- 10.192-7.561- 73.77- 2873
सोंढूर- 6.995- 5.434- 75.38- 3289

किस बांध से कितना पानी छूट रहा जानिए…

पिछले दो दिनों से गंगरेल बांध में पानी की आवक बढ़ी है। यहां 31.417 टीएमसी पानी है। बांध 96.18 फीसदी भर गया है। बांध में प्रति सेकंड 17642 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। वहीं यहां से 12100 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पेन स्टाक से 1650 क्यूसेक और रेडियल गेट से 10450 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

पानी की आवक को देखते हुए जल्द ही बांध के सभी 14 गेट खोलने के आसार दिख रहे हैं। जिला प्रशासन ने नदी तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर लोगाें को सतर्क रहने कहा है। इस सीजन में पहली बार गंगरेल बांध का जलस्तर 348.48 मीटर को छुआ है। गंगरेल में पानी हनुमान जी के चरणों तक पहुंच गया है। पानी की लगातार आवक को देखते हुए बांध के और गेट खोलने की बात कही जा रही है। सिंचाई विभाग पल-पल की जानकारी शासन-प्रशासन को दे रहा है।

प्रशासन और अधिकारियों की तैयारी

छत्तीसगढ़ राज्य जल संसाधन विभाग ने जल प्रबंधन के लिए विशेष निगरानी टीमों को तैनात किया है। अधिकारी बता रहे हैं कि जलसंचय और नदी प्रवाह को संतुलित करने के लिए नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही, आसपास के किसानों और गाँववासियों को संभावित जलभराव से बचाने के लिए अलर्ट सिस्टम सक्रिय किया गया है।

पर्यावरण और सिंचाई पर असर

बढ़ी हुई जल आवक से न केवल सिंचाई की संभावनाएँ बढ़ी हैं, बल्कि यह नदी तंत्र और स्थानीय इकोसिस्टम के लिए भी फायदेमंद है। साथ ही, यह वर्षा और जल संचय प्रबंधन की प्रभावशीलता को दर्शाता है।