Rajasthan Economy Boost : राजस्थान से गुजर रहे राष्ट्रीय-अन्तरराज्यीय हाईवे, एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर बड़े औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाएंगे। इनमें संबंधित एरिया के विशेष उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए भी काम होगा। सब कुछ समयबद्ध तरीके से हुआ तो प्रदेश में स्थानीय व्यापार को तो पंख लगेंगे ही, साथ ही मोटा निवेश भी आएगा। रीको ने सभी जिला कलक्टरों को पहले सरकारी जमीन चिन्हित करने के लिए कहा है, ताकि तत्काल जमीन मिल सके। निजी जमीन की अवाप्ति की प्रक्रिया भी साथ-साथ चलेगी।
रीको का फोकस उन हाईवे, एक्सप्रेस-वे पर है, जो अभी बनने हैं या निर्माणाधीन हैं। यहां न केवल आसानी से जमीन मिल सकती है, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में भी दिक्कत नहीं आएगी। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सार्वजनिक निर्माण विभाग दोनों के प्रोजेक्ट्स की सूची भी ली है।
1- व्यापार के कई और विकल्प मिलेंगे। खासकर स्थानीय व्यापार का दायरा फैलेगा।
2- रियल एस्टेट, औद्योगिक क्षेत्र से लेकर कई दूसरी कंपनियां भी पहुंचेंगी।
3- स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेंगे, पलायन रुकेगा।
गुजरात मॉडल - अहमदाबाद-मुंबई एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से गुजरात के औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिला।
महाराष्ट्र मॉडल - मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के आस-पास ऑटोमोबाइल, आइटी और रियल एस्टेट का बड़ा हब विकसित।
हरियाणा मॉडल - कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे ने गुरुग्राम-मानेसर क्षेत्र को देश का बड़ा औद्योगिक जोन बनाया।
जयपुर-जोधपुर-पचपदरा एक्सप्रेस-वे - करीब लगभग 350 किमी लम्बाई, दिल्ली-मुंबई मार्ग से जुड़ता है।
बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे - 295 किमी लंबाई होगी। हेम मॉडल पर काम किया जा रहा है।
जयपुर में उत्तरी रिंग रोड - आगरा रोड, टोंक रोड, अजमेर रोड और दिल्ली आपस में सीधे जुड़ जाएंगे।
जोधपुर रिंग रोड - करीब 127 किमी लम्बाई। जोधपुर से चारों ओर जोड़कर राष्ट्रीय राजमार्गों से कनेक्ट करेगा।
Published on:
19 Aug 2025 12:24 pm